बीजेपी की लहर में भी जिन सीटों पर समाजवादी पार्टी ने लगातार जीत हासिल की थी, अब वह सीटें भी उसके हाथों से लगभग निकल गई हैं। रामपुर में सपा हार चुकी है और आजमगढ़ में भी हार के कगार पर है।अपने ही गढ़ में इस तरह की हार के पीछे पहली नजर में अखिलेश यादव का ओवर कॉन्फिडेट नजर आ रहा है।
आजमगढ़ में भाजपा के निरहुआ ने सपा के धर्मेंद्र यादव पर सात हजार से ज्यादा वोटों की लीड बनाई हुई है। यहां पर बसपा ने भी दोनों पार्टियों को कड़ी टक्कर दी है। बसपा के गुड्डू जमाली भी डेढ़ लाख से ज्यादा वोट हासिल कर चुके हैं।
अखिलेश यादव के ओवर कान्फिडेंस को इससे भी समझा जा सकता है कि वह दोनों जगहों पर प्रचार के लिए भी नहीं पहुंचे थे। यहां तक की अपने इस्तीफे से खाली हुई सीट आजमगढ़ भी अखिलेश नहीं गए थे। इसे भाजपा ने मुद्दा भी बनाया था। तब सपा की तरफ से कई तरह की बातें कहीं गई थी।
सपा की तरफ से यह भी कहा गया था कि उपचुनाव में अखिलेश प्रचार नहीं करते हैं। वोटिंग के बाद प्रशासन पर सख्ती करने का भी आरोप लगाया था। रामपुर में पार्टी के पोलिंग एजेंट को भगाने की भी शिकायत की गई थी।
आजमगढ़ सीट पिछली बार अखिलेश ने ही जीती थी। विधानसभा चुनाव जीतने के बाद अखिलेश ने लोकसभा से इस्तीफा दिया तो पहले आजमगढ़ आए और लोगों से राय भी ली थी। इसके बाद भी आजमगढ़ में प्रचार के लिए नहीं पहुंचे।