उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के उभभा गांव में मामूली जमीन विवाद के बाद ग्राम प्रधान और ग्रामीणों के बीच हुई लड़ाई में एक ही पक्ष के 9 लोगों हत्या कर दी गई है। प्रधान पक्ष के लोगों ने ग्रामीणों पर फायरिंग शुरू कर दी जिसके बाद करीब 25 लोग घायल हो गए हैं। बताया जा रहा है कि मरने वालों की संख्या और ज्यादा बढ़ सकती है।
घोरावल के मूर्तियां ग्राम पंचायत में विवाद के बाद जमकर लाठी और डंडे भी चले। इस विवाद में 6 पुरुष और 3 महिलाओं की मौत हुई है। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक विवादित जमीन पर लंबे समय से दोनों पक्षों के बीच लड़ाई का मामला सामने आता रहा है। अक्सर ही इस जमीन को लेकर विवाद होता रहा है।
प्रधान के समर्थकों ने चलाई गोली
बताया जा रहा है कि ग्राम प्रधान ने 2 साल पहले 90 बीघे जमीन खरीदी थी। बुधवार को ग्राम प्रधान अपने समर्थकों के साथ जमीन पर कब्जा करने पहुंचा था। ग्रामीणों ने जमीन के कब्जे पर विरोध जताया जिसके बाद प्रधान पक्ष ने फायरिंग शुरू कर दी। इस फायरिंग में 9 ग्रामीणों की मौत हो गई जिनमें 4 महिलाएं भी शामिल हैं।
भारी संख्या में पुलिसबल तैनात
एसपी सोनभद्र के साथ स्थानीय पुलिस घटनास्थल पर पहुंच चुकी है। इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। घोरावल कोतवाली क्षेत्र के उभभा गांव में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। शाम चार बजे तक जिला अस्पताल में 4 महिलाओं समेत 9 लोगों का शव जिला अस्पताल पहुंच चुका है।
IAS अधिकारी ने खरीदी थी जमीन
सोनभद्र नरंसहार पर डीजीपी ने भी बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह जमीन विवाद पहले से चल रहा था। इससे पहले बिहार कैडर के एक आईएएस अधिकारी ने यह जमीन खरीदी थी जिसका स्थानीय लोगों ने विरोध किया था। इस मामले में अब तक दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गांव में सर्च ऑपरेशन भी चल रहा था। बताया जा रहा है कि दोनों ग्राम प्रधानों ने फायरिंग कराई है। ग्राम प्रधान के भतीजों को अरेस्ट कर लिया गया है।
मुख्यंत्री योगी ने लिया संज्ञान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस मामले पर संज्ञान ले लिया है। घटना के विस्तृत ब्यौरे की प्रतीक्षा है। योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिवार के प्रति सहानुभूति व्यक्ति की है।
सीएम योगी ने घायलों को तत्काल मेडिकल सहायता देने का निर्देश दिया है। इस संबंध में सोनभद्र के जिला मजिस्ट्रेट को आदेश जारी किया गया है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने यूपी के डीजीपी को आदेश दिया है कि इस मुद्दे पर वह व्यक्तिगत नजर रखें और घटना की जांच कराएं।