नई दिल्ली
मोहम्मद सईद सलमानी मंगलवार दोपहर के समय अपने परिवार के लिए दूध लेने निकले थे। इस बीच छोटे बेटे का फोन आया कि अब्बू जल्दी आना घर में किसी ने आग लगा दी है। हमलोग टॉप फ्लोर पर हैं। आग तीसरी मंजिल तक पहुंच चुकी है। दादी तीसरी मंजिल पर ही रह गई। ऊपर नहीं आ सकी। जल्दी आइए, नहीं तो हमलोग जिंदा ही जल जाएंगे।
सलमानी अपनी गली की ओर भागे तो पड़ोसी गलियों के लोगों ने उसे रोक दिया। रेडीमेड कपड़ों के कारोबार के 48 वर्षीय मालिक सलमानी ने कहा, “उन्होंने मुझे बताया कि यह बहुत खतरनाक था, मुझे मार दिया जा सकता है, और मुझे अभी इंतजार करना चाहिए क्योंकि जो हो चुका है वह पहले ही हो चुका है।”
“मैं यह सोचकर घंटों तक अटका रहा कि मेरा परिवार पूरे लोग मर गए ।” जबकि उनके परिवार के अधिकांश लोग आगजनी से बच गए, उनके घर की तीसरी मंजिल पर लगी आग में सलमानी की माँ, 85 वर्षीय अकबरी की मौत हो गई। पहली दो मंजिलों पर परिवार की सिलाई कार्यशालाओं सहित इमारत खुद जल गई थी।
सलमानी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “मंगलवार को मैं घर से बाहर दूध लेने निकला था। जब मैं वापस आया तो देखा कि 100-150 लोग मेरी गली में खड़े हैं। उन लोगों ने मेर घर का दरवाजा तोड़ दिया था और दो फ्लोर में आग लगा दी थी। मेरी पत्नी और बच्चे भागकर छत पर चले गए लेकिन मेरी 85 साल की मां नहीं निकल सकीं, उन्हें चलने-फिरने में दिक्कत थी।”
सलमानी का दावा है कि मॉब ने उनसे 8 लाख रुपये और भवन में रखे सारे पारिवारिक आभूषण भी लूट लिए। “मेरे पास कुछ भी नहीं बचा है।” अकबरी का शव अब जीटीबी अस्पताल में है, और उनके परिवार को बताया गया है कि उनके पोस्टमॉर्टम गुरुवार को किया जाएगा। सलमानी ने अपनी मां को मेरठ जिले में अपने गांव में दफनाने की योजना बनाई है।
उनका आरोप है कि करीब ढाई घंटे लगातार कॉल करने के बाद पुलिस वहां पहुंची और उनके परिवार के बाकी लोगों को बचाया जा सका। उन्होने कहा, ऐसा मंजर कभी नहीं देखा था। हर तरफ आग ही आग। गली से चिल्लाने की आवाजें मेरे कानों में अभी भी गौंज रही है। दहशत का ये मंजर शायद जिंदगी में कभी नहीं भूल पाऊंगा।