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22 Dec 2024, Sun

सिद्धार्थनगर, यूपी

सुचिता और बेहतर कानून व्यवस्था की बात करने वाले प्रदेश के सीएम आदित्यनाथ के कैबिनेट में शामिल एक मंत्री पर ज़मीन कब्ज़ा करने का सनसनीखेज आरोप लगा है। ये आरोप “जय हो फाउंडेशन” के अध्यक्ष और सिद्धार्थनगर जिले के ग्राम बिथरिया के मूलनिवासी अफरोज़ मलिक ने लगाया है। अफरोज़ मलिक ने आज सोमवार को जारी यहां प्रेस कान्फ्रेंस में प्रदेश के आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह की सत्यनिष्ठा पर गंभीर सवाल उठाया।

पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि आबकारी मंत्री सत्ता शासन का बेजा फायदा उठा कर लोगों का उत्पीड़न कर रहे हैं। उनके उत्पीड़न के शिकार वह स्वयं हैं। उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी से इस मामले में हस्तक्षेप कर न्याय की मांग की है।

अफरोज़ मलिक जो महाराष्ट्र के प्रमुख समाजसेवी एवं एक्टिविस्ट है ने यहां लोक निर्माण विभाग के सर्किट हाउस में पत्रकारों को लगाया कि डुमरियागंज तहसील के अन्तर्गत उनके पुश्तैनी गांव में बिथरिया में गांटा संख्या 539 में मेरी व मेरे परिवार और प्रदेश के आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह के परिवार के सदस्य पशुपति प्रताप सिंह की संयुक्त आराजी थी। इसका खाता संयुक्त रूप से था। बाद में मंत्री के परिवार के सदस्य द्वारा आराजी बेच दी गई। इस प्रकार उसके तीन हिस्सेदार हो गये। खाता संख्या 539क मेरा व मेरे परिजनों का 539ख और 539ग मोहम्मद उमर व गुलाम मुइनुद्दीन के नाम है।

समाजसेवी अफरोज़ मलिक ने अपनी ज़मीन का दस्तावेज़ पत्रकारों को दिखाया और कहा कि आमतौर से एक ही खाते के हिस्सेदारों का बंटवारा रोड साइड में सभी को दिया जाता है, मगर गत दिवस आबकारी मंत्री जयप्रताप सिंह जी के पुत्र दो अन्य अन्य खरीददारों जिनका हिस्सा लगभग पांच बीघा व एक बीघा है उन्हें कई थानों की पुलिस व प्रशासन की मदद से उनके खाते में आए ज़मीन के आगे के हिस्से को कब्जा करने का प्रयास किया गया

अफरोज़ मलिक ने कहा कि इसके बाद सहायक अभिलेख अधिकारी मांझा फैजाबाद के यहां अपील दायर की जिस पर स्टे का आदेश भी मिल गया। मगर मंत्री जी के दबाव में प्रशासन और पुलिस विभाग मामले में हस्तक्षेप करने से कन्नी काट रहा है।

अफरोज़ मलिक ने कहा कि ज़िले के सभी ज़िम्मेदार अदिकारियों को अभिलेख और स्टे आर्डर के आदेश की कापी दी गई लेकिन कोई भी मदद करने को तैयार नही है। इसका कारण कैबिनेट मंत्री जय प्रताप सिंह का रसूख हैं। उन्होंने कहा कि उनके इस कृत्य की जानकारी मुख्यमंत्री योगी जी को देकर न्याय की मांग की गई है।

इस बारे में आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह का अभी कोई बयान सामने नहीं आया है।