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22 Nov 2024, Fri

पुलिस कर्मियों की शहादत में थानेदार विनय तिवारी की भूमिका संदिग्ध

SUB INSPECTOR SUSPECTED TO LINK WITH VIKAS DUBEY KANPUR 1 040720

कानपुर, यूपी

प्रदेश ही नहीं पूरे देश को हिलाकर रख देने वाली बिकरू गांव में हुई हिंसक घटना में चौबेपुर के थानेध्यक्ष विनय तिवारी की भूमिका संदिग्ध लग रही है। पहले थानेदार ने विकास दुबे पर रिपोर्ट दर्ज न कर पीड़ित राहुल को भगा दिया था। इसके बाद सीओ ने रिपोर्ट दर्ज कराई और गिरफ्तारी के लिए दबिश दी। दबिश में चौबेपुर थानेदार गए तो लेकिन पीछे-पीछे रहे और हमले से ठीक पहले वहां से भाग निकले। इससे वे शक के घेरे में आ गए हैं। फिलहाल उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है।

कानपुर के ही मोहिनी नेवादा निवासी राहुल तिवारी ने दो दिन पहले चौबेपुर थाने में विकास दुबे के खिलाफ हत्या के प्रयास का आरोप लगाकर तहरीर दी थी। एसओ विनय तिवारी ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। आरोप है कि उन्होंने इस मामले में काफी आनाकानी की। जानकारी होने पर सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा ने रिपोर्ट दर्ज कराई। इसी केस में विकास दुबे को उठाने के लिए आला अधिकारियों की अनुमति पर पुलिस ने दबिश दी।

थानाध्यक्ष विनय तिवारी की गतिविधियां पहले से ही संदिग्ध रही है। इनमें कुछ महीने पहले सीओ ने चौबेपुर क्षेत्र में बड़ा जुआ पकड़ा था। जब मामले की जांच हुई तो तो पता चला था कि जुआ खिलाने के बदले रकम थानाध्यक्ष तक पहुंचती है। इसके बाद सीओ ने उसके खिलाफ रिपोर्ट लगाई थी। ऐसे कई मामले हैं, जिनकी वजह से सीओ और एसओ के बीच विवाद रहता था। दोनों एक दूसरे से असहमत रहते थे।

क्या था मामला
राहुल तिवारी के अनुसार विकास दुबे ने उसके ससुर लल्लन शुक्ला की जमीन जबरन अपने नाम बैनामा करा ली थी। इसे लेकर उन्होंने विकास के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा भी दायर किया था। इसी मुकदमे को वापस लेने का दबाव बनाने केलिए विकास दुबे, सुनील, बाल गोविंद, अमर दुबे, शिवम दुबे ने एक जुलाई को उसे बंधक बना कर पीटा था।