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17 Oct 2024, Thu

मुस्लिम महिलाओं के रेप पर खामोश “मुस्लिम नेता जी”

आसमोहम्मद कैफ की फेसबुक वाल से

नोएडा में नेशनल हाइवे पर 4 महिलाओं के साथ खेत में ले जाकर बलात्कार किया गया, विरोध करने पर एक महिला के शौहर की गोली मार कर हत्या कर दी गयी। मुज़फ्फरनगर में 2 नाबालिग़ लड़कियों को राशन डीलर ने राशन देने के लिए बुलाया। उसके बाद राशन डीलर ने 6 साथियो के साथ मिलकर गैंगरेप किया। आपका खून खोला, नहीं खोला क्योंकि सभी पीड़ित अल्पसंख्यक समुदाय से हैं।

मुज़फ्फरनगर में नाबालिग लड़कियों के साथ गैंगरेप की घटना 17 को हुई, मुकदमा 23 को दर्ज हुआ और गिरफ़्तारी अब तक नही हुई। दुःख की बात यह है कि अखिलेश यादव जी की सरकार में अल्लाह के नाम पर ‘लाल बत्ती’ मांगने वाले नेता यहाँ कहीं दिखाई नही दिए। कोई इनको इंसाफ दिलाने के लिए सामने नही आया।

बुलंदशहर में (नोएडा के उसी हाईवे पर यह घटना भी हुई) जब पिछले साल गैंगरेप हुआ था तो पूरा प्रदेश हिल गया था। पुलिस कप्तान वैभव कृष्ण को निलंबित किया गया था जबकि उन्होंने सबसे अधिक सक्रियता दिखाई थी। चूँकि तब पीड़िता का समाज जागरूक था और उसने ताक़त से आवाज़ उठाई। अब वाला बेहिस है, बेशर्म है और काहिल है।

यह 2022 में जागेगा, जब सूबे में सत्ता परिवर्तन होगा और अखिलेश जी के दरबार में मज़लूमों की लड़ाई लड़ने की अपनी झूठी गाथा सुनाएगा। बढ़िया महंगा सफ़ेद कुर्ता और सदरी पहनकर खुद को कौम का अलमदार प्रचारित करेगा। अखिलेश जी को सत्ता से बेदखल हुए 3 महीने भी नही हुए… अभी से उनका संघर्षवादी मुसलमान नेता दड़बे में घुसकर बेगम के आँचल में छिप गया है। अन्याय का प्रतिकार ही नहीं कर रहा हैं। भाजपा के लोग अपने मुद्दों के लिए लड़ते थे उन्हें फल मिला। अखिलेश सरकार में 90 फीसद नालायक लोगों को लाल बत्ती मिली थी।
हर आदमी के पास एक नई सिफारिश थी। झूठे, प्रपंची, कपटी और कौम के नासूर बन चुके नाकाबिल लोगों का जमावड़ा था। अब एक मेरिट रजिस्टर बनना चाहिए। हर महीने आंकलन हो कि किस नेता ने कितने मजलूमों की लड़ाई लड़ी। जो मजलूमों की लड़ाई न लड़ सके उसका रास्ता बंद हो।

उम्मीद है ऐसा होगा…

(आसमेहम्मद कैफ सीनियर पत्रकार हैं और प्रिंट मीडिया से जुड़े हुए हैं)