नई दिल्ली :
लोकसभा चुनाव की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं, सियासी पारा भी चढ़ता जा रहा है. उत्तर प्रदेश की बात करें तो इस बार बसपा के साथ चुनावी अखाड़े में उतरी समाजवादी पार्टी की राह में ‘अपने’ ही रोड़ा बन सकते हैं. दरअसल, सपा ने फिरोजाबाद से रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव को टिकट दिया है, लेकिन अब इस सीट से उनके चाचा शिवपाल यादव भी ताल ठोंकते नजर आ रहे हैं. फिरोजाबाद सपा की पारंपरिक सीट रही है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि ‘चाचा-भतीजे’ की लड़ाई में बाजी कौन मारता है.
फिरोजाबाद समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है. 1998 में जब बीजेपी के हाथ से यह सीट फिसली तो फिर वापसी का मौका नहीं मिला. साल 1999 में सपा के रामजी लाल सुमन इस सीट से चुनाव जीते. उसके बाद से सपा लगातार 2009 तक इस सीट पर जीत दर्ज करती आई. 2009 में खुद सपा मुखिया अखिलेश यादव कन्नौज के साथ-साथ फिरोजाबाद सीट से चुनाव लड़े. हालांकि उन्होंने फिरोजाबाद सीट छोड़ दी और उपचुनाव में यह सीट कांग्रेस की झोली में चली गई. कांग्रेस के राज बब्बर ने उपचुनावों में बाजी मारी. 2014 में फिर सपा ने फिरोजाबाद सीट पर वापसी की और अक्षय यादव यहां से चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंचे.