लखनऊ, यूपी
विधान सभा चुनाव के नतीजों से एमआईएम के कार्यकर्ताओं को मायूस होने की ज़रूरत नहीं है। ये जनता का फैसला है और लोकतंत्र में जनता का फैसला सबको मानना पड़ता है। हम आगे संघर्ष करते रहेंगे और जनता के मुद्दे उठाते रहेंगे। ये बातें समीक्षा बैठक में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने कही। विधान सभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद एमआईएम ने समीक्षा बैठक का आयोजन किया। बैठक में पूरे प्रदेश के ज़िलाध्यक्ष और उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया। ये बैठक पार्टी के प्रदेश कार्यालय राजधानी के आदिल नगर में हुई।
समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने विधान सभा चुनाव में हार पर कहा कि हमें पार्टी को बूथ स्तर पर मज़बूत करने की ज़रूरत है। इसके लिए कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से कड़ी मेहनत करना होगा। शौकत अली ने कहा कि लोकतंत्र में हम जनता के फैसले का स्वागत करते हैं। चुनाव में अपनी शिकस्त कुबूल करते हैं, साथ ही उन्होंने अपने उम्मीदवारों और पदाधिकारियों से कहा कि इस चुनाव के नतीजे से मायूस ना हों। हमारा एजेंडा जनता की सेवा करना है।
प्रदेश की मौजूदा हालात पर चर्चा करते हुए शौकत अली ने कहा कि इस चुनाव के नतीजे ने सेक्यूलर ताक़तों को बेनकाब कर दिया है। आज़ादी के बाद से आज तक जो लोग बीजेपी और संघ का डर दिखाकर मुसलमानों का वोट ले रहे थे। वे सब बेनकाब हो गए। उन लोगों ने वोट तो लिया लेकिन कभी भी मुसलमानों के मसायल में दिलचस्पी नहीं ली। हमेशा इनके साथ ज़ुल्म करते रहे।
शौकत अली ने कहा कि मौजूदा सरकार ने बूचडखानों और छोटे स्तर पर गोश्त कारोबारी के साथ जो दमनकारी नीति अपनाई है, उसके खिलाफ एमआईएम प्रदेश स्तर पर आन्दोलन करेंगी। उन्होंने कहा कि बड़े लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए छोटे कारोबारियों को परेशान किया जा रहा है। एमआईएम इसका विरोध करेंगी। समीक्षा बैठक का संचालन एस एच खालिदी ने किया।
इससे पहले सुबह प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक हुई। इसमें पार्टी की हार की समीक्षा की गई। कुछ सदस्यों ने प्रदेश कार्यसमिति को भंग करने की मांग की। यहीं नहीं पार्टी के लिए फंड इकठ्ठा करने और पार्टी को सुचारू रूप से चलाने के लिए पारदर्शी रवैया अपनाने की मांग की गई। राष्ट्रीय प्रवक्ता आसिम वकार ने कहा कि संगठन को मज़बूत किए बगैर जीत हासिल नहीं होगी। उन्होंने सबसे पहले मुस्लिम इलाकों में संगठन को मज़बूत करने पर ज़ोर दिया।
बैठक में हैदराबाद से आए माजिद हुसैन, कलीम जामई, हाजी अली अहमद, हामिद संजरी, मोहम्मद शोएब आज़म समेत कई लोग मौजूद थे।