ऐसे समय में जब विश्वसनीयता के मामले में भारतीय मीडिया की साख़ दांव पर है, तब भी कई चैनल और अख़बार ख़ुद को सबसे आगे साबित करने की होड़ में फेक़ न्यूज़ चलाने से बाज़ नहीं आ रहे। इस बार तो देश के सबसे बड़े अख़बार दैनिक भास्कर ने ही फेक न्यूज़ प्रकाशिक कर डाली है।
दरअसल, 8 मार्च को दैनिक भास्कर ग्रुप के DB पोस्ट ने फिनलैंड की महिला प्रधानमंत्री सना मरीन का एक इंटरव्यू प्रकाशित किया था। अख़बार की ओर से दावा किया गया कि ये सना मरीन का भारतीय मीडिया को दिया गया पहला इंटरव्यू है। जिसमें अखबार ने पीएम से 15 सवाल किए।
लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि अखबार सना मरीन के जिस इंटरव्यू का दावा कर रहा है वो दरअसल हुआ ही नहीं। फिनलैंड के प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस बात की पुष्टी की है कि प्रधानमंत्री सना मरीन से न तो कोई पत्रकार मिला और न ही उन्हें कोई सवालों की लिस्ट भेजी गई। यह इंटरव्यू पूरी तरह से फर्ज़ी है। हालांकि बाद में जब इस इंटरव्यू पर सवाल उठे तो अख़बार ने अपने ऑनलाइन संस्करण से इस इंटरव्यू को हटा लिया।
लेकिन सवाल ये उठता है कि आख़िर DB पोस्ट को फेक इंटरव्यू प्रकाशित करने की ज़रूरत क्यों पड़ी? क्या कुछ एक्सक्लुसिव देने के चक्कर में फेक न्यूज़ परोसना लोगों के साथ धोखा नहीं है।
क्या इंटरव्यू पर फिनलेंड पीएमओ द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण के बाद भारतीय मीडिया की साख नहीं गिरेगी? क्या इंटरव्यू को अपने ऑनलाइन संस्करण से हटाना ही काफी है, अख़बार को अपनी इस हरकत के लिए देश के लोगों से माफी नहीं मांगनी चाहिए?