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22 Nov 2024, Fri

भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास ने ‘India’s Relations with International Monetary Fund’ किताब के लॉन्च के मौके पर दिल्ली में भारतीय अर्थव्यवस्था पर अपना पक्ष रखा। दास ने कहा कि सीमित संसाधनों के बीच व्यापक नीतियां बनाने का काम मुश्किल है। उनका कहना है कि अधिकारियों द्वारा बनायी गई और सुझाई गई नीतियों को व्यापक पैमाने पर लागू किए जाने की जरूरत है। इससे स्थायी विकास का पैमाना स्थापित किया जा सकेगा।

इसके साथ ही दास ने कहा कि मौजूदा समय में वैश्विक अर्थव्यवस्था नए और तनावपूर्ण व्यापार वार्ताओं के अनिश्चित दौर में जा रही है। इस वजह से कुछ जरूरी मसलों का समाधान निकालना कठिन होता जा रहा है।

इतना ही नहीं, शक्तिकांत दास ने यह भी कहा कि मौजूदा समय में अर्थव्यवस्था को लेकर कई चुनौतियां सामने आ रही हैं। वर्तमान में संस्थाओं द्वारा लिए जाने वाले कर्ज का स्तर ज्यादा है और विकसित होती अर्थव्यवस्था वाली सरकारों द्वारा समूह में लिये जाने वाले कर्ज ने सकल घरेलू उत्पाद का 100 फीसदी पार कर लिया है।

IMF तय करे करंसी पॉलिसी 
करंसी पॉलिसी पर शक्तिकांत दास ने कहा कि करंसी पॉलिसी को बनाए रखना किसी एक देश की नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका जैसे किसी एक देश द्वारा दूसरे देश पर एक्सचेंज रेट में साठगांठ करने का आरोप लगाना आधिपत्य जमाने जैसा दिखाई देता है।

उल्लेखनीय है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप भारत और चीन पर करंसी एक्सचेंज रेट को मजबूत बनाए रखने के लिए साठगांठ करने का आरोप लगाते रहे हैं। ट्रंप तो यहां तक भी कहते रहे हैं कि रिजर्व बैंक का बाजार से डॉलर की खरीदारी करना एक्सचेंज रेट को एक स्तर पर बनाए रखना जैसा करतब है।

By #AARECH