जौनपुर, यूपी
ज़िले में शाहगंज कोतवाली में तैनात कोतवाल की दबंगई लगातार जारी है। अपने खिलाफ हुए केस से बौखलाए शाहगंज कोतवाल प्रशांत कुमार श्रीवास्तव और उनके हमराही सिपाहियों ने गिरफ्तार किए गए सुहैल को इतना मारा कि उसकी एक आंख की रोशनी चली गई। अब सुहैल में कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई है। कोर्ट ने इस मामले में सख्त कदम उठाया है।
दरअसल पूरा मामला शाहगंज कोतवाली से जुड़ा है। यहां एक केस में गिरफ्तार किए गए अभियुक्त सुहैल पर पहले कोतवाल ने गैंगस्टर लगाया। जेल में बंद सुहैल ने अपने वकील के माध्यम से अदालत को दरख्वास्त भेजा है। इसमें सुहैल का आरोप है कि शाहगंज पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जानवरों की तरह मारा-पीटा। इससे बाद वह चलने-फिरने में असमर्थ हो गया है। यहीं नहीं उसकी एक आंख की रोशनी भी लगभग खत्म हो गई है। उसे छुट्टी के दिन 24 जून को गैंगस्टर में चालान कर जेल भेजा गया। सुहैल ने अपनी दरखास्त में लिखा है कि उसका मेडिकल परीक्षण भी नहीं कराया गया।
सुहैल की दरखास्त पर अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय अशोक कुमार ने बंदी को जेल से तलब किया है। बंदी ने पुलिस द्वारा की गई ज्यादती से कोर्ट को अवगत कराया। पुलिस की पिटाई के कारण वह चल फिर नहीं पा रहा था और एक आंख से दिख भी नहीं रहा था। कोर्ट ने जेल अधीक्षक को आदेश दिया कि फौरन विशेषज्ञ चिकित्सा परामर्श के बाद सुहैल का इलाज़ कराया जाए। कोर्ट ने इस मामले में की गई कार्यवाही से तीन दिन के भीतर अवगत कराने का आदेश दिया।
क्या है मामला
शाहगंज कोतवाली क्षेत्र में मौजूद पेट्रोल पंप पर कई हफ्तों से खड़े वादी ज़मीरुद्दीन के दो ट्रकों का शाहगंज कोतवाल प्रशांत कुमार श्रीवास्तव ने 25 फरवरी 2018 को गोवध में चालान करने की धमकी देते हुए एक लाख रुपये की मांगने का आरोप है। पेट्रोल पम्प से ट्रक ले जाने की पुलिस की कारस्तानी सीसीटीवी फुटेज में रिकॉर्ड हुई और वहां मौजूद कई लोगों ने देखा। वादी की दरखास्त पर कोर्ट के आदेश पर कोतवाल शाहगंज व अन्य आरोपियों के खिलाफ चोरी, एक्सटॉर्शन, मिथ्या साक्ष्य गढ़ने व अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज हुई। विवेचना शहर कोतवाल को मिली।
इस मामले में पुलिस के खिलाफ केस होने पर मामले में लीपापोती की संभावना पर वादी हाईकोर्ट गया। हाईकोर्ट ने विवेचना सीबीसीआईडी को सौंपी। इसी बीच विवेचक कोतवाल ने शाहगंज पुलिस को क्लीन चिट दे देते हुए मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दिया। इसी बीच कोतवाल शाहगंज ने अभियुकतों पर गैंगेस्टर लगा दिया। इसी केस में सुहैल को सह अभियुक्त बनाया गया था। उसे गिरफ्तार करके कोतवाल और उनके हमराही सिपाहियों ने जानवरों की तरह मारा-पीट। सुहैल ने अब कोर्ट की तरफ रुख किया है।
ज़िले के नये कप्तान से उम्मीद
इस मामले में ज़िले के पूर्व कप्तान केके चौधरी ने कोतवाल और सिपाहियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। जबकि साक्ष्यों के देखते हुए और खुद कोतवाल के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद उन्हें कोतवाली से हटा देना चाहिए था। अब ज़िले में नये कप्तान ने कार्यभार संभाला है। उम्मीद है कि वह पीड़ितों के साथ न्याय करेंगे।
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