रियाद, सऊदी अरब
सऊदी अरब और ईरान के बीच एक बार पिर तनाव चरम पर है। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने ईरान पर ‘सीधे भड़काने’ का आरोप लगाया है। सऊदी अरब का कहना है कि ईरान यमन के बागियों को ‘मिसाइलें सप्लाई करके उसे सैनिक कार्रवाई के लिए उकसा’ रहा है। सऊदी अरब के सरकारी मीडिया ने क्राउन प्रिंस के हवाले से कहा है कि ईरान की ‘इस हरकत को युद्ध की कार्रवाई समझा’ जा सकता है। मीडिया की खबरों के मुताबिक क्राउन प्रिंस ये बात अमेरिकी विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन से कह रहे थे।
दरअसल शनिवार को सऊदी अरब की राजधानी के पास एक बैलिस्टिक मिसाइल इंटरसेप्ट की गई। सऊदी अरब ने उसे लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही रास्ते में नष्ट कर दिया था। हालांकि ईरान हूती विद्रोहियों को किसी तरह की मदद देने के आरोपों से इनकार करता रहा है। हूती विद्रोही सऊदी अरब के समर्थन वाली यमन सरकार के खिलाफ लड़ रहे हैं।
दूसरी तरफ ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जारिफ ने सोमवार को कहा कि सऊदी अरब की ‘युद्ध की कार्रवाई’ और ‘क्षेत्रीय दादागिरी’ से मध्य पूर्व की स्थिरता को खतरा पहुंच रहा है। हूती विद्रोहियों की तरफ से आने वाली मीडिया रिपोर्टों में कहा गया कि बागियों ने किंग खालिद एयरपोर्ट पर शनिवार को बुरकान एचटू बलीस्टिक मिसाइल दागी थी। ये जगह यमन की सीमा से 850 किलोमीटर और रियाद से 11 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में मौजूद है।
सऊदी मीडिया में बताया गया कि मिसाइल को रास्ते में ही इंटरसेप्ट कर दिया गया लेकिन उसके कुछ टुकड़े एयरपोर्ट के इलाके में गिरे पाए गए। इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। ह्यूमन राइट्स वॉच का कहना है कि नागरिक एयरपोर्ट पर इस तरह से मिसाइल दागना सीधे तौर पर ‘युद्ध अपराध’ है।