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19 Oct 2024, Sat

सतीश चंद्र मिश्रा एंड कंपनी BSP का The End करेगी: नसीमुद्दीन सिद्दीकी

अब्दुल कय्यूम

लखनऊ, यूपी: 
यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री और बीएसपी से निष्कासित नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि मुझे झूठे आरोप लगाकर पार्टी से निकाला गया। उन्होंने आरोप लगाया कि मायावती ने उन्हें काफी उल्टा-सीधा कहा। मायावती ने कांशीराम के बारे में जो कहा मैंने उसका विरोध किया था। नसीमुद्दीन ने कहा कि मायावती को हार के कारणों के बारे में बताया था जिस पर वह नाराज हो गई थीं। यही नहीं मायावती ने मुझसे 50 करोड़ रुपये मांगे थे।

प्रेस कांफ्रेंस में नसीमुद्दीन सिद्दीकी काफी देर तक बोले। उनके आसपास नेताओं का हूजूम था। इसके साथ ही सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ता भी नारे लगाते रहे। कई दूसरे दलों के नेता भी पीसी में मौजूद रहे। पीसी में नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने रिकार्ड फोन कॉल बी सुनाए जो उनके और मायावती के बीच बातचीत की है। करीब एक दर्जन नेताओं ने बीएसपी छोड़ने का एलान किया।

नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि मैंने मायावती से कहा कि मैं 50 करोड़ कहां से लाऊं तो बोलीं अपनी प्रॉपर्टी बेच दो। मैंने कहा कि अगर मैं अपनी प्रॉपर्टी बेच भी दूंगा तो 50 करोड़ का चौथाई भी हो जाए तो बड़ी बात है। मैंने ये भी कहा कि नोटबंदी के बाद अगर प्रॉपर्टी बेचूंगा तो भी कैश नहीं मिलेगा। लेकिन पार्टी हित के लिए मैं ये करने को भी तैयार हूं। इसके बाद मैंने अपने दोस्तों-रिश्तेदारों से कहा कि कुछ करें। पार्टी के लोगों से कहा कि मेरी प्रॉपर्टी बिकवा दो।

नसीमुद्दीन ने कहा कि मैंने मायावती से कहा कि जिन कांशीराम ने पार्टी की नींव रखी, जिन्होंने आपको राजनीति सिखाई, उनके बारे में आपने गलत बोला। ये कार्यकर्ताओं को अच्छा नहीं लगा। इस पर मायावती ने कहा कि मैं तुम्हारे खिलाफ कार्रवाई करूंगी। चुनावों में हार के बारे में पूछा तो मैंने मायावती को घोषणापत्र जारी करने की सलाह दी थी। हार का एक कारण मैंने उन्हें बताया था कि आपने मंच से किसी प्रत्याशी के लिए वोट नहीं मांगा।

नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि मैंने यह भी कहा कि आप लोगों से मिलती नहीं हैं, आपको लोगों से मिलना चाहिए। आपकी सुरक्षा का मैंने हमेशा ख्याल रखा, लेकिन जो अब हो रहा है वो कभी नहीं हुआ। आप पेन, घड़ी सब रखवा लेती हैं, सतीश चंद्र मिश्रा की गाड़ी के लिए तुरंत गेट खुल जाता है। तलाशी हो रही है तो सबकी होनी चाहिए। मायावती नेताओं में भेदभाव करती हैं। उन्होंने कहा कि अब मायावती के अब राज्यसभा की सांसद बनने के भी लाले पड़ गए हैं। मायावती खुद चाहती हैं कि पार्टी खत्म हो जाए ताकि कोई और पार्टी में खड़ा न हो पाए। उन्होंने बड़ा इल्जाम लगाया कि मायावती नहीं चाहतीं कि कोई और दलित चेहरा सीएम बने।

सिद्दीकी ने बयान में कहा है, ‘मैं समझता हूं कि इस निष्कासन से मेरे व मेरे परिवार की और मेरे सहयोगियों की बहुजन समाज पार्टी में 34-35 साल की कुबार्नी का सिला मुझे दिया गया है। मैंने इस मिशन के लिए और मायावती के लिए खासतौर पर इतनी कुबार्नी दी है, जिसकी मैं गिनती नहीं कर सकता। नसीमुद्दीन ने आरोप लगाया कि मायावती, उनके भाई आनंद कुमार और सतीश चंद्र मिश्रा द्वारा अवैध रूप से, अनैतिक रूप से और मानवता से परे कई बार ऐसी मांगें की गईं, जो मेरे बस में नहीं थीं।