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21 Nov 2024, Thu

शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने रविवार को कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सत्ता हासिल करने में जल्दबाजी और बचकानी टिप्पणियां महाराष्ट्र में बीजेपी  को ले डूबी और फडणवीस को विपक्ष में बैठना पड़ गया। राउत ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में अपने ‘रोखठोक’ स्तंभ में दावा किया कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के साथ आने से महाराष्ट्र में जो हुआ वह देश को भी स्वीकार है।

बिना किसी का नाम लिए बीजेपी  के केंद्रीय नेतृत्व पर तीखा हमला करते हुए राउत ने कहा कि महाराष्ट्र, दिल्ली की तरह चल रहे भीड़ तंत्र के आगे नहीं झुका। सामना के कार्यकारी संपादक राउत ने कहा कि महत्वपूर्ण यह है कि उद्धव ठाकरे शक्तिशाली मोदी-शाह के दबदबे को खत्म कर सत्ता में आए। उन्होंने भरोसा जताया कि यह सरकार (शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन) पांच साल तक चलेगी।

राउत ने कहा कि मुझे यह देखकर मजा आ रहा है कि जो लोग अजित पवार के फडणवीस के साथ गठजोड़ को शरद पवार की पहले से तय योजना बता रहे थे, वह अब महा विकास आघाडी सरकार बनने के बाद एनसीपी प्रमुख के आगे नतमस्तक हो रहे हैं।

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर फडणवीस ने इस तरह की बचकानी टिप्पणियां की कि राज्य में कोई विपक्षी दल नहीं बचेगा, शरद पवार का काल खत्म हो रहा है और प्रकाश आंबेडकर का वंचित बहुजन आघाडी मुख्य विपक्षी दल होगा। उन्होंने कहा कि लेकिन वह (फडणवीस) खुद विपक्षी नेता बन गए।

राउत ने कहा कि फडणवीस ने कहा था कि वह वापस लौटेंगे लेकिन सत्ता में आने की उनकी जल्दबाजी 80 घंटे के भीतर बीजेपी  को ले डूबी। उन्होंने कहा कि जरूरत से अधिक आत्मविश्वास और उनके (फडणवीस) दिल्ली के वरिष्ठ नेताओं पर भरोसे ने उनकी राजनीति तबाह कर दी। पिछले महीने के घटनाक्रम ‘सिंहासन’ फिल्म की नयी पटकथा जैसी लगती है।

वह उसी नाम की 1979 में आई मराठी फिल्म का जिक्र कर रहे थे जो दिवंगत लेखक अरुण संधू के उपन्यास ‘सिंहासन’ और ‘मुंबई दिनांक’ पर आधारित थी। राउत ने कहा कि महाराष्ट्र राज्यपाल के कार्यालय ने फडणवीस और राकांपा नेता अजित पवार की 80 घंटे की सरकार में खलनायक की भूमिका निभाई।

By #AARECH