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23 Dec 2024, Mon

संघी आतंकवाद: राजस्थान में भुट्टो शेख की हत्या और कथित लव जिहाद

ASAD HAYAT OF RAJASTHAN MUSLIM MURDER BY TERRORIST 1 081217

मोहम्मद असद हयात की फेसबुक वाल से

इलाहाबाद, यूपी

टीवी चैनलों और सोशल मीडिया में प्रसारित घटना की वीडियो और क़ातिल के बयानों को देख सुन कर कुछ सवाल ज़हन में आये हैं, आप से शेयर कर रहा हूँ।

1: हत्या सुनियोजित तरीके से की गयी। क़ातिल भुट्टो को अपने साथ स्कूटर पर बिठा कर ले गया। धारदार हथियार और पेट्रोल भी ले गया। वह मानसिक रोगी नहीं है, उसको मानसिक रोगी कह कर उसको बचाने और कम सज़ा दिलाने का खेल खेला जा रहा है।

ऐसा आमतौर पर क़त्ल के मामलों में होता है मगर इस मामले में जो हुआ वह शायद ही कहीं हुआ हो, और वो है एक कैमरामैन की क़ातिल के साथ मौजूदगी और बनाई गई फिल्म और उसके साथ क़ातिल का बयान जो क़त्ल करने का अपना मक़सद बता रहा है और चेतावनी दे रहा है।

अगर किसी रंजिश के कारण हत्या होती है तो क़ातिल अपने ही खिलाफ क्यों सबूत छोड़ेगा? यह क़ातिल की तब तक मंशा नही हो सकती जब तक वह उस क़त्ल को समाज में किसी मक़सद से प्रभाव छोड़ने वाला न बनाना चाहे। चूँकि शम्भू रैंगर ने ऐसा किया इसलिये इस सम्भावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि इस क़त्ल के पीछे कुछ और लोग न रहे हों जिन्होंने पूरा प्लाट बनाया हो और शम्भू से अपराध कराया हो।

2: जो क़ातिल टीवी चैनलों पर जुर्म क़ुबूल कर रहा है और हत्या करते हुए क्राइम सीन की फिल्म बनवा रहा है। अपना मक़सद बता रहा है तो क्या अब धारा 164 सीआरपीसी के तहत अपना बयान मजिस्ट्रेट के सामने रिकॉर्ड कराएगा और जुर्म स्वीकार करेगा।

3: कोई भी जाँच एजेंसी उपरोक्त सबूतों को नहीं मिटा सकती और हत्या कारित करने वाले वीडियो और कबुलिया बयान (एक्स्ट्रा जुडिशल कॉन्फेशन) के सबूत फांसी की सज़ा दिलाने के लिए काफ़ी हैं। यह दुर्लभ से दुर्लभतम मामलों में से एक है जिसने न केवल क़ानून बल्कि जनमानस को झिंझोड़ा है। जन अपेक्षा यही होगी कि ऐसे खुले, साजिशन किये गए जघन्य अपराध की सज़ा मौत हो। क़ातिल ने बिना किसी कारण बूढ़े कमज़ोर आदमी को जबरन ले जा कर हत्या कारित की और उसकी चीखों और दया की भीख का उसपर असर न हुआ। इन सब का जांच में शामिल होना ज़रूरी है।

4: मैं जल्द राजसमन्द जाऊंगा और कई बिंदुओं पर होम वर्क करूँगा जिनको यहाँ शेयर नहीं कर रहा हूँ। शम्भू के आपराधिक इतिहास को भी देखना होगा। कैमरा मेन और कथित महिला की भूमिका और बयान महत्वपूर्ण होंगे। शम्भू की पत्नी कहाँ है और उसकी 13 साल की बेटी का बयान भी कई परदे खोलेगा।

(असद हयात सामाजिक कार्यकर्ता हैं और गोरखपुर दंगे के मामले में सीएम योगी के खिलाफ केस लड़ने वालों में शामिल रहे हैं)