लखनऊ, यूपी
एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम में आज उस समय समाजवाद पार्टी को बड़ा झटका लगा जब हाल में सपा में विलय हुई कौमी एकता दल ने विलय को रद्द करते हुए बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम लिया। बीएसपी सुप्रीमों मायावती में प्रेस कांफ्रेंस करके इसका एलान किया। इस मौके पर अफज़ाल अंसारी समेत कई नेता मौजूद थे।
बीएसपी मायावती ने आज प्रेस कांफ्रेस बुलाई थी। पिछले दो दिनों से ये बात चल रही थी कि मुख्तार अंसारी की पार्टी का बीएसपी में विलय हो सकता है। आज इसका एलान खुद मायावती ने किया। इसके साथ ही मायावती ने कहा कि विधायक मुख्तार अंसारी को बीएसपी से मऊ का टिकट दिया गया है। मुख्तार अंसारी के भाई सिबगतुल्लाह अंसारी को मोहम्मदाबाद से टिकट दिया गया है। सिबगतुल्लाह अंसारी यहां सिटिंग विधायक हैं।
मुख्तार अंसारी के बेटे को टिकट
शूटिंग की अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में भाग ले चुके और कई राष्ट्रीय पुरुष्कार जीत चुके अब्बास अंसारी को घोसी विधान सभा से बीएसपी का टिकट मिला है। मायावती ने कहा कि नई पीढ़ी को मौका दिया गया है। अब्बास अंसारी पिछले दो सालों में अपनी पिता मुख्तार अंसारी के क्षेत्र में काफी सक्रिय है। मुख्तार अंसारी की गैरमौजूदगी में वह जनता से संपर्क में रह रहे हैं।
कौमी एकता दल का हुआ विलय
कौमी एकता दल का एक बार फिर से अब बीएसपी में विलय हुआ है। विलय के समय बीएसपी महासचिव और इस विलय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी, सतीश चंद्र मिश्रा, कौमी एकता दल के अध्यक्ष अफज़ाल अंसारी, सिगतुल्लाह अंसारी, महासचिव मिसबाह अहमद मौजूद थे।
मायावती ने दिया सम्मान
अमूमन बीएसपी में मायावती के बारे में ये कहा जाता है कि वह किसी का ज़्यादा सम्मान नहीं करती। कौमी एकता दल के विलय के समय पार्टी अध्यक्ष अफज़ाल अंसारी उसी स्टेज से पत्रकारों से रूबरू हुए। मायावती ने सभी नेताओं से पुष्पगुच्छ लिया।
कितना होगा असर
कौमी एकता दल के विलय से पूर्वांचल में बीएसपी को फायदा होगा। दरअसल पूर्वांचल के कई ज़िले में एक खास वर्ग मुख्तार अंसारी को बेहद पसंद करता है। मऊ, गाज़ीपुर, बलिया, आज़मगढ़, वाराणसी, जौनपुर, चंदौली समेत कई ज़िलों में मुख्तार अंसारी का अच्छा खासा असर है। पूर्वांचल की करीब 50 सीटों पर बीएसपी को फायदा हो सकता है।