जौनपुर, यूपी
ज़िले की शाहगंज तहसील के ग्राम गुरैनी के प्रधान को पुलिस ने वाहन चोर सरगना बताकर केस दर्ज किया है। इस काम में एसओजी और सरायख्वाजा पुलिस की भूमिका संदिग्ध है। मालूम हो कि गुरैनी गांव प्रधान रियाज़ुल हक बीएसपी के नेता हैं और एमएलसी चुनाव में बीएसपी उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार कर रहे थे। जौनपुर के स्थानीय मंत्री ने उन्हें प्रचार न करने की धमकी दी थी। इसके बाद भी वो चुनाव प्रचार में डटे थे। इसी से खफा होकर मंत्री ने उन्हें अपनी राजनीति का शिकार बना लिया।
प्रधान रियाज़ुल हक एक गैराज के मालिक हैं। पुलिस के मुताबिक पुलिस टीम एसओजी के साथ स्थानीय बाज़ार कोइरीडीहा पर थी तभी उन्हें सूचना मिली कि चोरी के वाहन के साथ कुछ लोग आ रहे हैं। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करके पूछताछ की तो पता चला कि कि ये वाहन चोरी के हैं। उनकी निशानदेही पर गुरैनी के एक गैराज पर छापा मारकर 7 वाहन सीज किए गए। पुलिस की कहानी में ये वाकया 19 फरवरी का बताया है।
प्रधान रियाज़ुल हक के परिवार मुताबिक पुलिस की एसओजी टीम ने उन्हें 18 फरवरी को ही घर से उठा लिया था। उन्हें सरायख्वाजा थाने में बंद रखा गया। इस दौरान उनसे मोबाइल फोन छीन लिया गया। परिवार के किसी सदस्य को ये नहीं बताया गया कि उन्हें किस जुर्म में ले जाया जा रहा है। पीड़ित के परिवार का ये भी आरोप है कि प्रधान को पहले से ही धमकी दी गई थी।
परिवार ने बातचीत में ये भी बताया कि प्रधान रियाज़ुल हक बीएसपी से जुड़े हैं। वह मौजूदा चुनाव में बीएसपी उम्मीदवार के लिए बड़े ज़ोर-शोर से प्रचार कर रहें थे। इसकी खबर लगते ही सपा के कई नेता और मंत्री उनके पीछे पड़ गए। उन्हें कई बार प्रचार न करने की धमकी दी गई। इसके बाद भी जब वो प्रचार करते रहे तो उनके खिलाफ साजिश रची गई। इसमें पुलिस ने मंत्री का पूरा साथ दिया और उन्हें वाहन चोरी में फंसा दिया गया।
प्रधान की गिरफ्तारी के बाद परिवार ने सीएम, मानवाधिकार आयोग, पुलिस महानिदेशक समेत कई लोगों को इसकी जानकारी दी है। इस घटना के बाद क्षेत्र के मुसलामानों में ज़बरदस्त रोष व्याप्त है। लोगों का कहना है कि मुसलमानों के दम पर सरकार चलाने वाले सपा के लोग मुसलमानों पर ही जुल्म ढा रहे हैं। लोगों का कहना है कि आने वाले चुनाव में सपा को इसका खामियाज़ा भुगतना पड़ेगा।