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22 Dec 2024, Sun

झारखंड के धनबाद में आरपीएफ ने सोमवार को अजमेर-सियालदह और जम्मू तवी एक्सप्रेस से बच्चा चोर गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया। इनसे पूछताछ में कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। चारों ने कबूल किया है कि वो बच्चों को नशा सुंघाकर बेहोश कर देते थे, फिर कोडरमा के तिलैया निवासी किसी रमेश गिरी उर्फ लक्ष्मण को बेच देते थे। इन बच्चों की किडनी और आंख निकाली जाती है। इन्होंने बिहार और झारखंड में 17 लोगों का गैंग सक्रिय होने का खुलासा किया है।

धनबाद आरपीएफ के कमांडेंट के अनुसार जांच में बच्चा चोरी और अंग निकालने से जुड़े बड़े नेटवर्क का खुलासा हो सकता है। आरपीएफ के सीनियर कमांडेंट हेमंत कुमार ने कहा कि मामले की जांच चल रही है। पकड़े गए आरोपियों की निशानदेही पर आरपीएफ और जीआरपी मिलकर काम करेंगी। पूछताछ के बाद आरपीएफ ने चारों को जीआरपी के हवाले कर दिया है। जीआरपी के अधिकारी भी उनसे पूछताछ कर रहे हैं।

कैसे पकड़े गए बच्चा चोर
धनबाद रेल के कंट्रोल रूम को सोमवार की दोपहर परसनाथ से किसी यात्री ने 12988 अजमेर-सियालदह एक्सप्रेस के जनरल कोच में बच्चा चोर के होने की सूचना दी। इसपर धनबाद स्टेशन पर घेराबंदी कर दी गई। ट्रेन दोपहर 1.06 बजे धनबाद स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंची, जहां पुलिस ने एक व्यक्ति को दबोच लिया। उसने बच्चा चोरी का आरोप कबूला और पुलिस को बताया कि पीछे आ रही 13152 जम्मू तवी-कोलकाता एक्सप्रेस में गया से तीन और लोग बच्चा चुराने के लिए चढ़े हैं। अंजू की निशानदेही पर जम्मू तवी एक्सप्रेस से अनिल वैद्य, चंदन राठौर और बहरा को दबोच लिया गया। इन तीनों ने अपना गांव मिलहारी थाना बेला जिला गया (बिहार) बताया है। पुलिस की पूछताछ में तीनों ने बच्चा चोरी का आरोप कबूल किया है।

ऐसे चुराते हैं बच्चे
पुलिस गिरफ्त में आए आरोपियों के अनुसार उनके पास एक पाउडर होता है, जिसे वो बच्चे को सुंघा देते हैं। इससे बच्चा बेहोश हो जाता है। बच्चे को मोड़कर किसी बैग में रखते हैं और लेकर निकल जाते हैं।

By #AARECH