नई दिल्ली
बीजेपी नेतृत्व के खिलाफ दलित सांसदों की नाराज़गी लगातार बढ़ती जा रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ के रवैये के खिलाफ दलित सांसद छोटेलाल खरवार ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपना दर्द बयान किया है। खरवार की चिट्ठी में यूपी प्रशासन द्वारा उनके घर पर जबरन कब्जे और उसे जंगल की मान्यता देने की शिकायत की गई है।
पीएम मोदी को लिखे पत्र में बीजेपी सांसद ने कहा है कि ज़िले के आला अधिकारी उनका उत्पीड़न कर रहे हैं। मामले में बीजेपी सांसद ने दो बार सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की, लेकिन सीएम ने उन्हें डांटकर भगा दिया। जमीन पर कब्जे को लेकर बीजेपी सांसद ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इंसाफ की गुहार लगाई है। सांसद ने पीएम से सीएम योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र पांडेय और संगठन मंत्री सुनील बंसल की शिकायत की है।
इससे पहले लखनऊ में निर्दलीय विधायक अमनमणि पर जमीन कब्ज़ा करने का आरोप लगा था। इसके बाद दूसरा मामला रॉबर्ट्सगंज से बीजेपी सांसद छोटेलाल खरवार की जमीन का है।
सांसद छोटेलाल ने पीएम को लिखी चिट्ठी में दो शिकायतें की है। पहली शिकायत में कहा है कि प्रदेश में जब अखिलेश सरकार थी, उस समय 2015 में नौगढ़ वन क्षेत्र में अवैध कब्जे की शिकायत मुख्यमंत्री समेत कई लोगों से की, लेकिन कार्रवाई की बजाय अधिकारियों ने मेरे घर को ही वन क्षेत्र में डाल दिया। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के आदेश पर दोबारा पैमाईश में सच सामने आया कि मेरा घर वन क्षेत्र में नहीं है।
दूसरा मामला प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद का है। सांसद ने कहा कि अक्टूबर 2017 में मेरे भाई क्षेत्र पंचायत नौगढ़ के प्रमुख के खिलाफ सपा की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। इसके बाद वोटिंग के दौरान असलहों से लैस अपराधी तत्व के लोगों ने मेरी कनपटी पर रिवॉल्वर तान दी। जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर धमकी और दी गाली दी। उस समय अधिकारी भी मौजूद थे, लेकिन उन्होंने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं किया। इस मामले में पार्टी के लोग और पुलिस अधिकारी भी शामिल थे।
उत्तर प्रदेश में दलित सांसदों के अंदर नाराजगी बढ़ती जा रही है। सावित्रीबाई फुले के बाद रॉबर्ट्सगंज से सांसद छोटेलाल खरवार भी नाराज नजर आ रहे हैं। छोटेलाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी नाराज हैं, क्योंकि सीएम ने उनके ऊपर हुए हमले के बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया।