पीलीभीत, यूपी
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले की बरखेड़ा विधानसभा से बीजेपी विधायक किशनलाल राजपूत समेत 56 लोगों के खिलाफ डकैती की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। कोर्ट ने सिपाही मोहित गुर्जर के प्रार्थनापत्र पर पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश पर थाना सुनगढ़ीह में विधायक किशनलाल राजपूत, भांजे ऋषभ, राहुल, पिंटू, बंटी, अमित, धर्मेंद्र, विशाल, कमल, टोनी चौहान, बच्चू सिंह, चंद्रपाल सिंह, विनय, रामगोपाल, हर्षित, प्रेमनारायण को नामजद करते हुए 40 अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 395 और 397 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
विधायक के भांजे की ओर से दर्ज मुकदमे में सिपाही गया था जेल
पिछले वर्ष 12 सितंबर को जिलाधिकारी (डीएम) की सुरक्षा में तैनात सिपाही मोहित और ऋषभ के बीच विवाद हुआ था। जिसके बाद दोनों पक्षों में मारपीट की नौबत आ गई थी। आरोप है कि जब इसकी सूचना विधायक किशनलाल राजपूत को हुई तो उन्होंने समर्थकों के साथ मिलकर सिपाही की जूतों से पिटाई की। विधायक ने अपने भांजे की तहरीर पर मोहित के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करवा उसे जेल भिजवा दिया था।
सिपाही का ये है आरोप
सिपाही ने अपने प्रार्थना पत्र में बताया कि घटना के समय वो डीएम की सुरक्षा में तैनात था। उसने जून-जुलाई में विधायक के भांजे ऋषभ के दोस्त राहुल से एक बाइक खरीदी थी। लेकिन बाइक का ट्रांसफर उसके नाम न करने पर उसने सितंबर में बाइक लौटा दी थी। 12 सितंबर को राहुल ने रुपये लौटाने के लिए उसे मंडी समिति बुलाया था। जब वो अपने दोस्त पुनीत और सनी के साथ मंडी समिति पहुंचा तो यहां आरोपी राहुल और उसके पांच-छह दोस्तों ने उससे मारपीट किया। उसका पर्स और गले में पड़ी चेन छीन ली थी। आरोप है कि जब वो इसकी शिकायत करने चौकी पर पहुंचा तो यहां अपने समर्थकों के साथ आए बीजेपी विधायक ने उससे बदसलूकी की और डराया-धमकाया था।
विधायक ने बताया आरोप गलत
पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिषेक दीक्षित ने बताया कि कोर्ट के आदेश का सम्मान किया जाएगा। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद विवेचना होगी, जिसमें सच सामने आ जाएगा। वहीं विधायक ने कहा कि मेरी कोई गलती नहीं है। सिपाही के लगाए आरोप बेबुनियाद हैं। जांच के दौरान सारी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।