लखनऊ, यूपी
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने कासगंज साम्प्रदायिक हिंसा के लिए भाजपा और संघ परिवार को सीधे ज़िम्मेदार ठहराते हुए कहा कि सरकार की सरपरस्ती में दंगे को अंजाम दिया जा रहा है। एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रमेश दीक्षित ने कहा कि जिस संघ परिवार ने तिरंगे को कभी राष्ट्रीय ध्वज के रूप में स्वीकार नहीं किया वह आज भगवा यात्रा निकाल कर साम्प्रदायिक हिंसा फैला रहा हैं। ये बयान एनसीपी की तरफ से जारी किया गया।
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दीक्षित ने कहा कासगंज में सरकार के संरक्षण में सांप्रदायिक हिंसा को अंजाम दिया जा रहा है। उन्होंने मांग की और कहा कि कासगंज हिंसा उच्चस्तरीय जाँच होनी चाहिए। दोषियों पर सख्त से सख्त कार्यवाही की मांग के साथ-साथ बीजेपी सांसद राजवीर सिंह की भूमिका की उच्चस्तरीय जाँच की मांग की। डॉ. दीक्षित ने बीजेपी सांसद राजवीर सिंह द्वारा मृतक के अंतिम कार्यक्रम में जिस तरह भड़काऊ शब्दों का इस्तेमाल किया उससे साफ़ ज़ाहिर है कि तिरंगा यात्रा के नाम पर जो भगवा परेड की गयी थी वह पहले से ही रची बुनी गयी थी। इसका पूरा रोड मैप संघ परिवार के निर्देश पर तैयार किया गया था।
डॉ. रमेश दीक्षित ने कहा कि उपचुनाव से ठीक पहले दंगों की फ़सल राष्ट्रवाद के नाम पर खड़ी की जा रही है। नाम तिरंगा यात्रा का देकर भगवा यात्रा निकाली जाती है, अल्पसंख्यकों के बीच जाकर उनकी राष्ट्रीयता को गाली दी जाती है। वह अगर तिरंगा फहराकर गणतंत्र का जश्न मनाते हैं तो वहाँ संघ परिवार जाकर उनसे भगवा झंडा फहराने की बात करते हैं। उनके साथ गाली-गलौज, मार-पीट किया जाता है ताकि ये लोग भी उग्र हों। फिर पूरे शहर में अल्पसंख्यकों के दुकान-मकान उनकी धार्मिक स्थान सब को आग लगाके ख़त्म किया जा सके। फिर इससे संघ परिवार अपनी राजनीति की दुकान चला सके।
डॉ दीक्षित ने आगे कहा कि गणतंत्र दिवस पर इस तरह की घटना से पूरा मुल्क शर्मसार हुआ। शासन की लापरवाही के चलते कासगंज के हालात मुज़फ्फरनगर से भी बदतर हो गए है। मुख्यमंत्री योगी प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाये रखने में पूरी तौर पर विफल साबित हो चुके है। सरकार सौहार्द कायम करने में फ़ेल हुयी है। चुनाव के मद्देनज़र सरकार सांप्रदायिक आधार पर ध्रुवीकरण करने की कोशिश में लगी है।