अज़ीम सिद्दीकी
जौनपुर, यूपी
एक तरफ केंद्र सरकार तो दूसरी तरफ प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचार मिटाने के लिए हर सम्भव प्रयास भले ही कर लें लेकिन सरकारी अधिकारी और कर्मचारी ही भ्रष्टाचार को खत्म होने नहीं दे रहे हैं। सरकार लाख दावे करें किदेश के कार्यालय में भ्रष्टाचार नहीं हो रहे हैं, लेकिन यह आप आसानी से जान सकते है ये सिर्फ छवि बनाने के लिए राग अलापा जा रहा है। पड़ताल करके हकीकत देखिये तो पता चलता है कि कितना सच कितना झूठ बोला जा रहा है। सरकार के ही गोद में बैठे अधिकारी जब सरकार की ही लुटिया डुबाने के लिए कमर कस लें तो फिर भ्रष्टाचार पर रोक लगाना असम्भव सा प्रतीत होता है।
क्या है पूरा मामला
ज़िले के विकास खण्ड शाहगंज के सोंधी ब्लाक का ताज़ा चौकाने वाला मामला सामने आया है। जहाँ एक तरफ पूरा ब्लाक भ्रष्टाचार की चपेट में है, जिसकी चर्चा कई बार जिले में हो चुकी है। यहां एक रिटायर डीपीआरओ फर्जी अधिकारी बनकर अपनी हनक और दबंगई के बलबूते अवैध वसूली कर रहा है। ये फर्जी अधिकारी विकास खण्ड सोंधी के कई गांवों में अंत्येष्टि स्थल की जांच के नाम ग्राम प्रधानों को धमकाकर अवैध तरीके से फ़र्ज़ी वसूली कर रहा है।
कई गांवों के प्रधानों से की दबंगई के बल पर अवैध वसूली
मिली जानकारी के अनुसार विकास खण्ड सोंधी के ग्राम सभा गोरारी, नौली, मनेछा व पोराई गांव में अंत्येष्टि स्थल के लिए सरकार द्वारा बजट पास किया गया है। ताकि गांव वासियों को किसी तरह की समस्या न हो। इस फर्जी अधिकारी ने अपने रसूख और स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध वसूली कर रहा है। अब सवाल ये है कि इस फर्जी अधिकारी को ये अधिकार किसने दिया कि पद से रिटायर के बाद आखिर किसकी शह पर अवैध जांच व वसूली कर रहा है।
कैसे खुला मामला
इस मामले में जानकारी होने पर जब आसपास के गांवों के ग्राम प्रधानों से संपर्क किया गया तो उन लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि विकास खण्ड शाहगंज सोंधी में अधिकारियों की मिलीभगत से एक रिटायर डीपीआरओ द्वारा फर्जी डिप्टी डायरेक्टर पंचायत बनकर गांव में फ़र्ज़ी तरीके से जांच और मोटी रकम की अवैध वसूली कर रहा है। इस वसूली के बाद अधिकारियों में बन्दर बाँट होती है।
फर्जी अधिकारी देता है धमकी
डीपीआरओ से रिटायर होने के बाद फर्जी अधिकारी बनकर ठगी करने वाला ये व्यक्ति मोटी रकम ना देने पर प्रधानों को धमकाता भी है। अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिरकार रिटायर अधिकारी किस अधिकार से किससे बदौलत जांच कर अवैध वसूली कर रहा है।
मामले पर अधिकारियों ने चुप्पी साधी
इस मामले पर जब स्थानीय अधिकारियों से जानकारी मांगी गई तो संबंधित अधिकारी चुप्पी साध गए। संबंधित फर्जी अधिकारी पर कार्रवाई करने की बात पर भी वो कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। इस वजहा से फर्जी अधिकारी का हौसला बुलन्द होता चला जा रहा है। सरकार द्वारा चलाये जा रहे लोगों के लाभ के लिए योजनाओं में खुद सरकारी अधिकारी ही पलीता लगा रहे हैं। साथ ही सरकार की छवि खराब की जा रही है। स्थानीय लोगों ने फर्जी अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराके कठोर कार्रवाई की मांग शासन से की है। साथ ही फर्जी अधिकारी को सपोर्ट करने वाले अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।