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17 Oct 2024, Thu

लोकसभा से मंगलवार को संविधान (126वां संशोधन) विधेयक 2019 को मंजूरी मिल गई है। इसके तहत लोकसभा और विधानसभाओं में एससी व एसटी समुदायों को आरक्षण दस साल बढ़ाने का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर खुशी जताते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘मैं संविधान (126वां संशोधन) विधेयक 2019′  के सर्वसम्मति से पारित होने पर बहुत ज्यादा खुश हूं, जो एससी-एसटी आरक्षण को दस और वर्षों के लिए बढ़ाता है। हम अपने नागरिकों के सशक्तिकरण के प्रति अटूट हैं, विशेषकर उनके प्रति जो हाशिये पर हैं।’

सदन ने ‘संविधान (126वां संशोधन) विधेयक-2019 को मंजूरी दे दी। निचले सदन में मत विभाजन में इस विधेयक के पक्ष में 352 मत पड़े और विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा। संविधान संशोधन विधेयक होने के मद्देनजर इसे सदन के कुल सदस्यों की संख्या के बहुमत एवं उपस्थिति सदस्यों की संख्या के दो तिहाई सदस्यों का समर्थन जरूरी है। विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का पूरा समाज ही पिछड़ा है, ऐसे में इसे दो भाग में बांटने की जरूरत नहीं है और क्रीमीलेयर की एससी/एसटी समाज में जरूरत नहीं है।

वहीं एक अन्य विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सदन में कहा कि महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ जुर्म के मामलों की जांच दो महीने में और सुनवाई छह महीने में पूरा करने के लिये वह राज्यों को पत्र लिखने जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, वह उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों को लिखेंगे कि राज्यों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई छह महीने में पूरा करनी है क्योंकि यह 2018 में पारित कानून का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि 1023 फास्ट ट्रैक कोर्ट को मंजूरी दी गई है और इससें 400 से अधिक पर काम आगे बढ़ गया है।

By #AARECH