लखनऊ, यूपी
गन्ना किसानो को लेकर सरकार का रवैया बहुत उदासीन है। लम्बे समय बाद सरकार इतनी बे-खबर है कि उसे गन्ना मूल्य निर्धारण की भी चिन्ता नही है। गन्ने का बकाया लगभग 10,000 करोड (दस हाज़ार करोड़) का है। राज्य व केन्द्र की सरकार इसे दिलवाने में असमर्थ है जबकि पिछले तीन सालो में 3,500 करोड तत्काल तथा इससे पूर्व भी चीनी मिल मालिको को तोहफे के रूप् में पैसे बाटती आ रही है। अगर जल्द ही इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो किसान इसको लेकर बड़ा आंदोलन करेगा।
इस संबंध में राष्ट्रीय किसान मंच की उप्र इकाई की बैठक प्रदेश कार्यालय पेपर मिल कालोनी, निशातगंज में हुई। बैठक की अध्यक्षता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं शेखर दीक्षित ने की। बैठक में गन्ना बाहुल्य 44 जिलो के प्रभारी अध्यक्ष व पदाधिकारी मौजूद रहे। इसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जल्द ही राष्ट्रीय किसान मंच किसानों की इन समस्याओ को लेकर गन्ना आयुक्त कार्यालय लखनऊ का घेराव करेगा। अगर किसानों की मागें नही मानी गयी तो लखनऊ से दिल्ली तक गन्ना किसान पैदल मार्च करेगा।
बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष पं शेखर दीक्षित ने बताया कि देश के गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर कुल 12,994 करोड़ रुपए बकाया है। राज्यों की बात करें तो गन्ना उत्पादन में सबसे आगे उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों का करीब 10,000 करोड़ रुपए का भुगतान चीनी मिल मालिकों पर बकाया है। जबकि देश का सर्वाधिक गन्ना उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है। देश के गन्ने के कुल रकबे का 51 फीसद और उत्पादन का 50 और चीनी उत्पादन का 38 फीसद उत्तर प्रदेश में होता है। भारत में कुल 520 चीनी मिलों से 119 उत्तर प्रदेश में हैं। देश के करीब 48 लाख गन्ना किसानों में से 46 लाख से अधिक किसान चीन मिलों को अपने गन्ने की आपूर्ति करते हैं। यहां का चीनी उद्योग करीब 6.50 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार देता है।
शेखर दीक्षित ने बताया कि उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों का बकाया एक बड़ा मामला है। उन्होने केन्द्र सरकार से मांग की है कि सरकार चीनी मिलो को सीधे लाभ पहुचने के बजाय सीधे किसानो के राहत देने के बारे में शीघ्र निर्णय लें।
बैठक में राष्ट्रीय महासचिव अनिल चौबे, राष्ट्रीय संगठन मंत्री संजय दिवेदी, प्रदेश अध्यक्ष मो0 इस्माइल, प्रदेश प्रभारी सरदार सुरेंद्र पाल, प्रदेश उपाध्यक्ष सर्वेश पाल प्रदेश महासचिव मोहित मिश्र, बुलडेंखंड प्रभारी आशीष दुबेय, पूर्वांचल से कविता निषाद, गोपाल जी, रोहित रामवापुरी, लखनऊ प्रभारी सोनू तिवारी, श्याम गोस्वामी, गोपाल माहेश्वरी, प्रदेश सचिव भारतेन्दूं मिश्र सहित 42 जिलो के सभी जिलाध्यक्ष व जनपद पदाधिकारी मौजूद रहे। सभी ने संगठन की आगे के रणनीति पर अपने विचार रखे।