लखनऊ, यूपी
लखनऊ में बुधवार से हो रही बारिश के कारण आउटर रिंग रोड़ धंसने का मामला सामने आया है। दरअसल, तेज बारिश के कारण जगह-जगह पानी भर गया है। तो वहीं, आउटर रिंगरोड को बनाने में नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) और ठेकेदार कंपनी की लापरवाही की वजह से ऑउटर रिंगरोड की 30 मीटर सर्विस लेन धंस गई है। जिसकी वजह से सर्विस लेन पर ट्रैफिक ठप हो गया, साथ ही आने जाने वाले लोगों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके बाद प्रशासन पर भी कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं। एबीपी गंगा के संवाददाता संतोष कुमार ने मौके से हालातों का जायज़ा लिया।
पांच हजार करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन आउटर रिंग रोड एक मानसून तक नहीं झेल सकी। पहले चरण के लोकार्पण के महज साढ़े चार महीने बीते थे कि, फैजाबाद रोड पर गोयल हाइट के पास बुधवार की सुबह रिंग रोड की सर्विस लेन धंस गई। इसे सहारा देने के लिए बनाई गई दीवार भी सलामत नहीं बची क्योंकि, इसके नीचे से वाटर लाइन गुजर रही है। गनीमत रही कि उस वक्त कोई वाहन यहां से नहीं गुजर रहा था, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
जिस तरह रिंग रोड बैठने लगा है, उससे जुड़ी खामियों की परतें भी सामने आ रही हैं। हद तो यह है कि सड़क के नीचे जलापूर्ति की लाइन गुजर रही है, मगर इंजीनियरों और निर्माणकर्ता कंपनी गावर कंस्ट्रक्शन ने इसकी परवाह नहीं की। लिहाजा, लापरवाही के साथ-साथ प्रोजेक्ट की गुणवत्ता से खिलवाड़ को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।
आउटर रिंग रोड रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का ड्रीम प्रोजेक्ट है। 104 किमी लंबी सिक्स लेन सड़क का शिलान्यास सितंबर 2017 में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी ने किया था। लोकार्पण इसी वर्ष सात मार्च को हुआ था। पहले चरण में कुर्सी रोड से फैजाबाद रोड के बीच 19 किलोमीटर पर काम पूरा हो चुका है। निर्माण के बाद आए पहले मानसून ने ही गड़बड़ी की पोल खोल दी। फैजाबाद रोड पर गोयल हाइट्स के पास जहां सड़क धंसी है, उस खंड के निर्माण का ठेका गावर कंस्ट्रक्शन कंपनी को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) ने दिया था।
बड़े सवाल
सर्विस लेन के नीचे थी जलापूर्ति की लाइन, इंजीनियरों को नहीं थी जानकारी। आसपास से किसी वाहन के न गुजरने से बड़ा हादसा टला।
‘लगता है तारकोल के नीचे कंक्रीट की जगह मिट्टी भरी गई, ये भ्रष्टाचार का मामला’
दावा फौलाद का था मगर वास्तविकता मिट्टी की निकली। क्षेत्रीय निवासी भाकियू नेता आलोक वर्मा ने बताया कि सुबह की तेज बारिश के बाद ये सर्विस लेन धंसी है। सड़क जिस तरह से बैठी, उससे लगता है कि तारकोल के नीचे कंक्रीट की जगह मिट्टी भरी हो। स्पष्ट तौर पर ये भ्रष्टाचार का मामला है और उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों पर कार्रवाई हो।
क्या बोले जिम्मेदार
एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी. शिवशंकर ने बताया कि निर्माण के समय भूमिगत पाइप लाइन की जानकारी नहीं हो सकी थी। इस वजह से सड़क धंस गई। हम मरम्मत तेजी से करा रहे हैं।