राजस्थान के अलवर में भीड़ हिंसा में मारे गए पहलू खान के खिलाफ दर्ज एफआईआर और आरोपपत्र को रद्द किया जाएगा। राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधवार को आदेश देते हुए पहलू खान के दोनों बेटों और वाहन चालक के खिलाफ दर्ज एफआईआर और आरोप पत्र को भी रद्द करने का फैसला सुनाया है। वाहन चालक खान मोहम्मद और पहलू खान के दो बेटों आरिफ और इरशाद की याचिका पर अदालत ने यह आदेश सुनाया है। अदालत ने कहा कि दस्तावेजों को देख साफ होता है कि पहलू खान ने गायों को डेयरी खोलने के लिए खरीदा था न कि उन्हें मारने के लिए। पहलू खान के वकील कपिल गुप्ता ने बताया कि जस्टिस पंकज भंडारी की एकल पीठ ने गाय तस्करी के आरोप वाली एफआईआर और चार्जशीट को तुरंत रद्द करने का आदेश दिया है।
पहलू खान के वकील के अनुसार अदालत ने एफआईआर और चार्जशीट को कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग माना। हाईकोर्ट ने कहा, ‘गाय अभी भी दूध देने की स्थिति में थी और उसके बछड़े एक व दो साल के थे। इसलिए यह नहीं माना जा सकता कि काटने के लिए उनकी तस्करी की जा रही थी।’
पुलिस ने पहलू खान पर हमला करने वालों के खिलाफ हत्या का केस तो दर्ज किया ही था। मगर पहलू खान, उनके बेटों और वाहन चालक के खिलाफ गोवंश की तस्करी का मामला भी दर्ज किया था। यहां तक कि पुलिस इस मामले में आरोपपत्र भी दायर कर चुकी है।
Pehlu Khan case: Rajasthan High Court has ordered to dismiss the FIR and charge-sheet against Pehlu Khan, his two sons and the driver of the vehicle. pic.twitter.com/pXOrfsvjj3
— ANI (@ANI) October 30, 2019
हरियाणा के नूंह का रहने वाला पहलू खान एक अप्रैल, 2017 को जयपुर से गोवंश खरीदकर अपने गांव लौट रहा था। उसके दो बेटे आरिफ और इरशाद भी उसके साथ थे। इसी दौरान अलवर के बहरोड़ में राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया। हमले में बुरी तरह घायल पहलू खान ने तीन अप्रैल को अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
इससे पहले अलवर की निचली अदालत ने 14 अगस्त, 2019 को छह आरोपियों को बरी कर दिया था। इसके बाद राज्य सरकार ने जांच में खामियों का पता लगाने के लिए एसआईटी का गठन किया था।