Breaking
22 Dec 2024, Sun

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी बिना समय बर्बाद किए जल्द से जल्द नया अध्यक्ष चुन ले। राहुल गांधी ने आगे यह भी कहा, “चूकि मैं अध्यक्ष पद से पहले ही इस्तीफा दे चुका हूं इसलिए मैं अब पार्टी अध्यक्ष बनाने की प्रक्रिया का हिस्सा नहीं हूं।”

उनके इस्तीफे के खिलाफ कांग्रेस नेताओं के विनती के बावजूद राहुल गांधी ने यह साफ स्पष्ट कर दिया है कि वह अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर रहेंगे।

राहुल गांधी ने चार पन्नों का पत्र भी इस्तीफे को लेकर अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने कहा है कि उन्हें कांग्रेस पार्टी जिसके आदर्श और मूल्य देश के लिए समर्पित रहे हैं, की सेवा करने का मौका मिला। यह उनके लिए गर्व की बात है। इसके साथ ही राहुल ने अपने ट्विटर अकाउंट का परिचय बदल दिया है। उन्होंने परिचय से ‘कांग्रेस अध्यक्ष’ हटाकर ‘कांग्रेस पार्टी का सदस्य’ और ‘सांसद’ जोड़ दिया है।

उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली हार के लिए अध्यक्ष होने के नाते जिम्मेवारी लेने की बात कही है। उन्होंने पार्टी के पुनर्निमाण के लिए कठोर फैसले लेने की बात कही है और कहा है कि 2019 की हार के लिए पार्टी के कई लोगों को जिम्मेवारी लेनी होगी।

राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस की शीर्ष निर्णय लेने वाली कमेटी कांग्रेस कार्यसमिति को जल्द ही बैठक बुलाकर नए अध्यक्ष का चुनाव करना चाहिए।

राहुल गांधी ने यह भी कहा है कि देश की संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा करने की आरएसएस की नीति पूरी हो चुकी है। हमारा लोकतंत्र कमजोर हो चुका है। हमारे सामने अब असली चुनौती खड़ी हो गई है। चुनाव अब भारत के भविष्य का एक निर्णायक तत्व होने के बजाए सिर्फ औपचारिकता बन कर रह गया है।

बता दें राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से 25 मई को इस्तीफा दिया था। जिसके पीछे की वजह लगातार दूसरी बार लोकसभा चुनाव में मिली कांग्रेस पार्टी की करारी हार को बताया जा रहा है।

इस बार हुए लोकसभा चुनाव में काग्रेंस पार्टी को महज 52 सीटें मिली थी। लगातार दूसरी बार कांग्रेस पार्टी की सीटें इतनी कम थी कि उसे लोकसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी बनने लायक सीट भी नहीं ला सकी।

राहुल गांधी इस बार दो जगहों से अमेठी और वायनाड से लोकसभा चुनाव लड़े थे। जिसमें वायनाड से उन्हें जीत मिली थी और अमेठी से स्मृति ईरानी के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

By #AARECH