नई दिल्ली
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कुछ दिन पहले दिल्ली से घर लौट रहे कुछ प्रवासी मजदूरों से मुलाकात की थी। मुलाकात की तस्वीरें सामने आने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तंज कसते हुए कहा था कि राहुल द्वारा ऐसा करने से केवल मजदूरों का समय बर्बाद हुआ है। राहुल गांधी ने आज इसे लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ज़ोरदार हमला किया।
निमर्ला सीतारमण ने कहा था कि राहुल गांधी सिर्फ ड्रामेबाजी करते हैं। अगर वह वास्तव में मजदूरों की सहायता करना चाहते तो उनका कुछ बोझ उठा सकते थे। वित्त मंत्री सीतारमण के इस बयान पर राहुल गांधी ने अपने अंदाज में पलटवार किया। उन्होंने हुए कहा- अगर वित्त मंत्री मुझे अनुमति दें तो मैं बैग उठाकर ले जाऊं। फिर मैं एक मजदूर का नहीं बल्कि 10-15 मजदूरों का बैग उठाकर ले जाऊंगा।
राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि मजदूरों से बातचीत करने के पीछे मेरा लक्ष्य केवल एक है। मैं उनके दिल में क्या चल रहा है, यह समझने की कोशिश करता हूं। सच कहूं तो मुझे इसका बहुत लाभ मिला है। जहां तक मदद की बात है, मैं मदद करता रहता हूं। अगर वो (निर्मला) मुझे इजाजत दें तो मैं जरूर बैग उठाकर ले जाऊं। एक का नहीं, 10-15 का उठाकर ले जाऊंगा।
राहुल गांधी ने कहा कि अगर वो (निर्मला) चाहती हैं कि मैं यहां से उत्तर प्रदेश चला जाऊं। वह मुझे वहां जाने की अनुमति दें। मैं पैदल ही यहां से निकल जाऊंगा। जितने लोगों की मदद मैं रास्ते में कर सकूंगा, मैं कर दूंगा।
सांसद राहुल गांधी ने देश में चार चरणों में लगाए गए लॉकडाउन के विफल बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को बताना चाहिए कि आगे कोरोना संकट से निपटने और जरूरतमंदों को मदद देने की उनकी रणनीति क्या है?
राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन पूरी तरह से फेल हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उम्मीद थी कि कोरोना 21 दिन में नियंत्रित हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने अपनी पुरानी मांग दोहराते हुए यह भी कहा कि गरीबों और मजदूरों को 7500 रुपये की मदद दी जाए और राज्य सरकारों को केंद्र की तरफ से पूरी मदद मिले।