लखनऊ, यूपी
देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे मेरठ से प्रयागराज तक बनेगा। इसके लिए योगी सरकार ने दो हजार करोड़ रुपये आवंटित कर दिए हैं। इसका कार्य जल्द ही धरातल पर दिखाई देगा। यह एक्सप्रेस-वे 637 किमी लंबा होगा, जो 13 जिलों से होते हुए प्रयागराज पहुंचेगा। मेरठ जिले के 32 गांवों के किसानों से जमीन खरीदी जाएगी। गौरतलब है कि प्रयागराज में महाकुंभ परिसर में कैबिनेट की बैठक हुई थी। इसमें ही मुख्यमंत्री ने गंगा एक्सप्रेस-वे की घोषणा की थी।
गंगा एक्सप्रेस-वे को मेरठ में मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे से शुरू किया जाएगा। हाल ही में इस संबंध में प्रजेंटेशन हुआ था, जिसके मुताबिक दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का काशी गांव के पास जो टोल प्लाजा बन रहा है संभवत: उसी के आसपास से इसे जोड़ा जाएगा।
मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे से इसलिए जोड़ा जाएगा, ताकि मेरठ के साथ गाजियाबाद, हापुड़, मोदीनगर, बुलंदशहर आदि जिलों के लोगों को भी इसका लाभ मिल सके। साथ ही इस एक्सप्रेस-वे से पश्चिमी उत्तर प्रदेश, एनसीआर, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा के ट्रैफिक को उत्तर प्रदेश से होते हुए मध्य प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल तक जाने के लिए हाईस्पीड कॉरिडोर उपलब्ध हो सकेगा।
सिर्फ इतना ही नहीं, सरकार ने इस गंगा एक्सप्रेस वे को देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे भी बताया है। हालांकि, योगी सरकार के इस दावे पर अब सवाल उठने शुरू हो गए हैं। मीडिया ख़बरों की पड़ताल में सामने आया कि मौजूदा समय में देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे 701 किमी का महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग एक्सप्रेस वे है।
UP Chief Minister Yogi Adityanath: Cabinet has decided to make Ganga-Expressway, to connect Prayagraj with Western Uttar Pradesh. This will be world's longest expressway, approximately 600 km, it will take 6,556 hectares of land, it will cost approximately Rs 36,000 crore. pic.twitter.com/aLXt8CNd1B
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 29, 2019
यूपी सरकार भले ही दावा करे कि यूपी में वह देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे बना रहे हैं। लेकिन सच यह है कि महराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस सरकार में महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग एक्सप्रेस वे योजना की शुरुआत हुई थी। जो कि उद्धव ठाकरे सरकार में भी तेजी से बढ़ रही है।