लखनऊ, यूपी
समाजवादी पार्टी में सीएम अखिलेश के विरोध करने पर विलय नामंज़ूर होने पर कौमी एकता दल के अध्यक्ष अफजाल अंसारी ने जमकर भड़ास निकाली। अफ़ज़ाल अंसारी ने सीएम अखिलेश यादव अहंकारी और हठी बताया। कौमी एकता दल के नेता ने कहा कि 2017 के चुनाव में वहपूर्वांचल में सपा को उसकी औकात बताएंगे। अफडज़ाल अंसारी ने कहा कि कौमी एकता दल का विलय न होना सपा के प्रान्तीय अध्यक्ष सीएम अखिलेश यादव के ‘अहंकार’ का नतीजा है। उन्होंने कहा कि सीएम अखिलेश ने मुख्तार अंसारी को सिर्फ अपनी ‘ब्रांडिंग’ के लिये निशाना बनाया और उनका अपमान किया।
अफज़ाल अंसारी आज लखनऊ में अपने आवास कौमी एकता दल के सपा में विलय को निरस्त किये जाने के बाद पहली बार मीडिया से रूबरू थे। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अपनी इस बेइज्ज़ती का बदला आगामी विधानसभा चुनाव में पूर्वांचल में सपा को उसकी ‘हैसियत’ बताकर लेगी। उन्होंने कौमी एकता दल के सपा में विलय का फैसला रद्द करने के लिये सीएम अखिलेश यादव को ज़िम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि सपा को हाईजैक कर चुके अखिलेश के अहंकार के आगे सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के संघर्ष और उनके भाई शिवपाल सिंह यादव की सकारात्मक कोशिशों का कोई मोल नहीं है।
अफ़ज़ाल अंसारी ने कहा कि समाजवादी पार्टी के नेताओं और मंत्रियों ने ही उनके सामने विलय का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने कहा कि इस विलय की जानकारी पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव को थी। उन्होंने कहा कि कौमी एकता दल के सपा में विलय को रद्द किये जाने से खुद को बहुत बेइज्ज़त और आहत महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव, महासचिव शिवपाल यादव और पूर्वाचल के तमाम सपा नेता और मतदाता इस विलय के रद्द होने से बेहद दुखी हैं लेकिन अखिलेश को इसका ख्याल नहीं है।
पार्टी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि कौमी एकता दल के विधायकों मुख्तार अंसारी और सिब्गतुल्ला अंसारी का इस्तेमाल सिर्फ राज्य सभा और विधान परिषद चुनाव में समाजवादी पार्टी के लिए वोट जुटाने के लिए किया गया। क्योंकि सपा के 10 से 12 विधायक क्रास वोटिंग पर उतारू थे। उन्होंने कहा कि जैसे ही मतलब निकल गया, हमें ठेंगा दिखा दिया गया। जबकि विलय से पहले हमें घर बुलाकर सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से मिलवाया गया। तब मुलायम ने भी पुरानी यादों का हवाला देकर साथ चुनाव लड़ने के कसीदे पढ़े थे।
अफ़ज़ाल अंसारी ने कहा कि उनकी पार्टी पूर्वांचल में आगामी विधानसभा चुनाव में अपने संगठन की मौजूदगी वाले 18 जिलों की 44 सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी और सपा को उसकी ‘औकात’ दिखायेगी। अगर पश्चिम में उपयुक्त सियासी साझीदार मिलता है तो कौमी एकता दल वहां भी चुनाव लड़ने से गुरेज नहीं करेगी।