लखनऊ, यूपी
ख्वाज़ा मोइनुद्दीन चिश्ती उर्दू अरबी फारसी यूनिवर्सिटी में मेस की फीस में बढ़ोतरी किये जाने के विरुद्द छात्र धरने पर बैठे हैं। छात्र न सिर्फ दिन में बल्कि रात में भी ठंड में बाहर आकर धरने पर बैठे हैं। कड़ाके की ठंड और परीक्षा करीब होने के बाद भी छात्र पीढे हटने को तैयार नहीं हैं। अब युनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा दबाव काम न आने के बाद धमकी दी जा रही है। इस संबंध में छात्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी प्रसासन उनकी प्रदर्शन को किसी भी हद तक जाकर खत्म कराना चाहता है।
पहले से विवादों में रहे उर्दू अरबी फारसी यूनिवर्सिटी अब पिर विवादों में नज़र आ रही है। छात्रों का आरोप है कि पुरुष छात्रावास के प्रोवोस्ट वार्डेन एस एस अशरफी ने खुलेआम छात्रों को आंदोलन खत्म करने या फिर यूनिवर्सिटी को छोड़ने की धमकी दी गई है। प्रोवोस्ट ने ये धमकी दी है कि अगर छात्रों ने आंदोलन खत्म नहीं किया तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
इस संबंध में युनिवर्सिटी का पक्ष जानने के लिए जब संपर्क करने की कोसिस की गई तो कोई दवाब नहीं मिला। छा6 का ये बी आरोप है कि वीसी प्रदेस सरकार को गलत जानकारी दे रहे हैं। आंदोलित छात्रों ने छात्रावास के बाहर ही रात गुजारा और वहीं बैठ कर परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।
छात्रों का कहना है कि इस मामले पर 04 दिसंबर को मेस में फीस बढ़ोतरी के संबंध में कुलसचिव को ज्ञापन सौंपा गया था तथा उसमें दो मांग की गई थी। इनमें पहली मांग छात्र मेस फीस सीधे मेस में जमा करेंगे। वहीं दूसरी मांग थी कि छात्र जितने दिन खाना खाएंगे उतने दिन का ही मेस फीस देंगे।