कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की बिगड़ती हालत पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को चिट्ठी लिखी है। प्रियंका ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों पर हुई पुलिसिया कार्रवाई की न्यायिक जांच की मांग की। साथ ही पुलिस को कानून के मुताबिक काम करने की हिदायत देने की अपील की।
कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल
प्रियंका गांधी लगातार उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार पर निशाना साध रही हैं। महिलाओं की सुरक्षा हो या आपराधिक मामले में प्रियंका गांधी योगी सरकार को निशाना बनाने में मौका नहीं चूक रही हैं।
बता दें कि प्रियंका गांधी 28 दिसंबर को लखनऊ में पार्टी के स्थापना दिवस समारोह के बाद पूर्व आईपीएस एस।आर। दारापुरी के घर पहुंच गईं। उनके कफिले को पोलीटेक्निक चौराहे पर रोक दिया गया। लेकिन वह कार से उतरकर पैदल मार्च करते हुए गिरफ्तार दारापुरी के घर की ओर बढ़ गईं। नागरिक संशोधन कानून (सीएए) का विरोध करने पर पिछले दिनों गिरफ्तार किए गए सेवानिवृत्त आईपीएस एस।आर। दारापुरी के परिवारीजनों से मिलने जाने के लिए प्रियंका गांधी को बड़ी मशक्कत करनी पड़ी। पुलिस ने उनकी गाड़ी को जबरन लोहिया पार्क के सामने रोक लिया।
इस पर प्रियंका ने आपत्ति जताई और कहा कि जिस तरह से पुलिस ने उन्हें रोका, उससे हादसा भी हो सकता था। प्रियंका ने कुछ दूर पैदल चलकर, फिर स्कूटी से पुल पार किया। प्रियंका स्थापना दिवस समारोह में शामिल होने के कुछ देर बाद विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए एस।आर। दारापुरी और पार्टी की पूर्व प्रवक्ता सदफ जफर के परिवारीजनों से मिलने जा रही थीं।
कुछ दूर तक पैदल मार्च करने के बाद गाड़ी से प्रियंका का काफिला दारापुरी के घर पहुंचा। इस दौरान उनका काफिला सेक्टर-18 में जाम में फंस गया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी कार्यालय से चुपचाप निकलकर कुछ पदाधिकारियों के साथ पोलीटेक्निक चौराहा पहुंचीं। गाड़ी को पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद प्रियंका गांधी पैदल मार्च करते हुए, पुलिस घेरे को भेदते हुए आगे बढ़ीं। इस दौरान पार्टी के शहर अध्यक्ष मुकेश सिंह चौहान भी उनके साथ रहे।
दारापुरी के परिजनों से मुलाकात करने के बाद प्रियंका सीएए के विरोध में जेल में बंद पूर्व प्रवक्ता सदफ जाफर के परिवार से मिलने चली गईं। राजधानी लखनऊ में बीते 19 दिसंबर को सीएए के खिलाफ प्रदर्शन मामले में पूर्व आईपीएस दारापुरी नामजद किए गए थे।