लखनऊ
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत के मामले में आरोपी डॉ कफील खान को कथित तौर पर मिली क्लीन चिट पर यूपी सरकार ने सवाल खड़े कर दिए। यूपी के प्रमुख सचिव (मेडिकल एजुकेशन) रजनीश दुबे ने गुरवार को कहा कि डॉक्टर कफील को सरकार ने क्लीन चिट नहीं दी है। कफील के खिलाफ अभी भी 7 मामलों में जांच चल रही है।
रजनीश दुबे ने कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई बच्चों की मौत में प्रथम दृष्ट्या दोषी पाए गए 3 डॉक्टरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश देकर निलंबित किया गया था। उन्होंने कहा कि आरोपी डॉक्टर कफ़ील ने जांच रिपोर्ट को गलत रूप में प्रचारित किया है। उन्होंने कहा कि आरोपी डॉक्टर ने खुद को दोष मुक्त बताकर ग़लत खबर चलवाई। डॉक्टर कफील ने मीडिया के सामने ग़लत तथ्य रखे। डॉ कफ़ील के खिलाफ शासन स्तर पर जांच जारी है।
चार में से दो आरोप सही पाए गए हैं
प्रमुख सचिव ने कहा कि डॉ कफ़ील के खिलाफ चार में से दो आरोप पूर्णतया सही पाए गए हैं। शेष दो आरोपों की जांच जारी हैं। उन्होंने कहा कि डॉ कफ़ील के खिलाफ निजी अस्पताल में कार्य करने की शिकायत सही पाई गई है। डॉ कफ़ील के खिलाफ शेष दो आरोपों में शासन द्वारा उन्हें क्लीन चिट नहीं दी गई है।
डॉ कफ़ील के खिलाफ बहराइच के बाल रोग विभाग में जबरन इलाज करने का आरोप है।जिसमे उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर इस मामले की भी जांच कराई जा रही है। डॉ कफ़ील के खिलाफ दो मामलों में लगे सात आरोपों में विभागीय कार्रवाई की जा रही है। ये संवेदनशील मामला है, इसलिए कानूनी प्रक्रिया के तहत इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।
बता दें पिछले दो साल से निलंबित चल रहे डॉ कफील को लेकर मीडिया में खबर आई थी कि उनके खिलाफ बिठाई गई जांच में विभागीय टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में डॉ कफील को हादसे के दिन अपनी ड्यूटी नहीं निभाने सहित भ्रष्टाचार के अन्य आरोपों से बरी कर दिया गया है।