नई दिल्ली
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मोदी सरकार को नसीहत दी है कि वह विपक्ष समेत सभी को साथ लेकर चले। पीटीआई के मुताबिक उन्होंने यह बात दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कही। प्रणब मुखर्जी का कहना था, ‘जब संसद में हमारे पास जबर्दस्त बहुमत होता है तो हमें लगता है कि हम सब कुछ कर सकते हैं। लेकिन यहां हम गलत होते हैं। लोगों ने पहले कई बार ऐसे नेताओं को सजा दी है।’
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प्रणब मुखर्जी ने सरकार को बहुसंख्यकवाद के खिलाफ भी आगाह किया। उन्होंने कहा कि लोगों ने सत्तारूढ़ दलों को संख्यात्मक बहुमत दिया होगा, लेकिन अधिकतम मतदाताओं ने कभी किसी एक पार्टी को समर्थन नहीं दिया। उन्होंने विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बार-बार संसद की कार्यवाही में बाधा डालना गलत है।
प्रणब मुखर्जी ने लोकसभा की सीटें बढ़ाए जाने का सुझाव भी दिया। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि लोकसभा की क्षमता को 1977 में संशोधित किया गया था जो 1971 की जनगणना के आधार पर किया गया था और उस वक्त देश की आबादी 55 करोड़ थी। उन्होंने कहा कि आबादी तब से दोगुने से ज्यादा बढ़ गई है और परिसीमन पर लगी रोक को हटाने के लिए यह मजबूत दलील है। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि आदर्श रूप से इसे (लोकसभा में सदस्यों की संख्या) बढ़ा कर 1000 कर दिया जाना चाहिए।
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