नई दिल्ली
दिल्ली हिंसा पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सहयोगी अकाली दल ने बड़ा बयान दिया। अकाली दल के नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल सेकुलरिज्म, सोशलिज्म और डेमोक्रेसी को लेकर सवाल उठाए। प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि ये बहुत बड़ी बदकिस्मती है। अमन-शांति के साथ रहना बहुत जरूरी है।
प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि हमारे देश के विधान में तीन चीजें लिखी हैं, जो सेकुलरिज्म, सोशलिज्म और डेमोक्रेसी। यहां ना तो सेकुलरिज्म है, ना ही सोशलिज्म है। अमीर, अमीर होता जा रहा है गरीब, गरीब होता जा रहा है। डेमोक्रेसी भी सिर्फ दो स्तर पर ही रह गई है, एक लोकसभा इलेक्शन और दूसरा स्टेट इलेक्शन, बाकी कुछ नहीं।
Shiromani Akali Dal leader Parkash Singh Badal: #DelhiViolence is very unfortunate. There are three highlights of Constitution – secularism, socialism & democracy. But there is no socialism, secularism and democracy exists only on two levels – Parliamentary & state elections. pic.twitter.com/CUu5BXCkKb
— ANI (@ANI) February 28, 2020
अकाली दल नेता ने अमित शाह को लिखा खत
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंद्रकुमार गुजराल के बेटे और अकाली दल के नेता नरेश गुजराल ने पत्र में दिल्ली पुलिस की उदासीनता पर सवाल उठाए। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को खत लिखा। नरेश गुजराल ने कहा था कि हर बार अल्पसंख्यकों को ही हिंसा में निशाना बनाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
पिछली बार ये सिख थे और इस बार ये मुसलमान हैं
अकाली दल के नेता नरेश गुजराल ने कहा कि मैं 1984 को फिर से होता हुआ नहीं देखना चाहता हूं। मुझे दिल्लीवाला होने पर गर्व है। पिछली बार ये सिख थे और इस बार ये मुसलमान हैं। दुर्भाग्य से हर बार अल्पसंख्यक समुदाय ही हमले की चपेट में है। 1984 में सिख विरोधी दंगे हुए थे। उस दौरान कई हजारों लोगों की जान गई थी।
मेरी शिकायत पर भी नहीं हुई कार्रवाई
नरेश गुजराल ने अपने खत में लिखा, ‘मैंने फोन पर एक घर में फंसे 16 मुस्लिमों की जानकारी दी और ऑपरेटर को बताया कि मैं संसद सदस्य हूं। 11:43 बजे, मुझे दिल्ली पुलिस से पुष्टि मिली कि मेरी शिकायत संख्या 946603 के साथ प्राप्त हुई। हालांकि मुझे निराशा हुई जब मेरी शिकायत पर कोई कार्रवाई हुई और उन 16 व्यक्तियों को दिल्ली पुलिस से कोई सहायता नहीं मिली।’