लखनऊ, यूपी
सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि दोबारा लोकसभा चुनाव में जीत और केंद्र में सरकार बनने के बाद भाजपा नेतृत्व में जो अहंकार दिखाई दे रहा है, उससे देश में संघीय व्यवस्था को आघात पहुंच रहा है। विदेश में भी भारत की छवि धूमिल हो रही है। संविधान की प्रस्तावना में शामिल मूलभूत विचारों से अलग भाजपा अपनी खिचड़ी पकाने में लगी है। इससे देश की एकता और सौहार्द को खतरा पैदा हो गया है।
अखिलेश ने जारी बयान में कहा कि भाजपा और आरएसएस की धर्म की राजनीति ने देश में सामाजिक सद्भाव को बहुत क्षति पहुंचाई है। समाज को बांटने का काम किया है। सीएए और एनआरसी को जोड़कर एक ऐसी यंत्रणा बनाई जा रही है जो संविधान के अनुच्छेद 14 में दिए गए अधिकार का हनन करती है।
उन्होंने कहा कि भाजपा की कुनीतियों के चलते आज सीएए पर दुनिया के सामने भारत को सफाई देनी पड़ रही है। यूरोपीय संघ की संसद में नागरिकता कानून को लेकर विरोध प्रस्ताव पास किए गए हैं। यूरोपीय संघ की संसद में 751 सदस्य हैं। इनमें से 560 सांसद इस कानून के विरोध में हैं।
उन्होंने भारत में विपक्ष पर पुलिस के बल प्रयोग की जांच किए जाने की भी मांग की है। भाजपा की हठधर्मिता का पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सबसे मुखर विरोध किया है। केरल, पंजाब, असम, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र ने भी सीएए लागू करने से इनकार किया है।
केंद्र-राज्य के बीच यह संघर्ष संघीय व्यवस्था को चोट पहुंचाने वाला है। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को डराने और धमकाने की भाषा छोड़कर संविधान के अनुकूल आचरण करना चाहिए।