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22 Dec 2024, Sun

मंत्री के इशारे पर पुलिस की गुंडई, कुरान से बेअदबी का इलज़ाम

ब्यूरो रिपोर्ट

जौनपुर, यूपी
ज़िले में जैसे-जैसे चुनाव करीब आ रहा है, सत्ता की खुमारी में चूर मंत्री अपने विरोधियों को निपटाने में लग गए हैं। इसी क्रम में शाहगंज में उलेमा कौंसिल से जुड़े एक नेता के घर में स्थानीय मंत्री के इशारे पर पुलिस ने छापा मारा। छापे में तो उलेमा कौंसिल के नेता नहीं मिले लेकिन इस दौरान पुलिस ने पूरे घर में जमकर तांडव किया और घर वालों की पिटाई की।

विकलांग और अंधें भाईयों की पिटाई
पुलिस ने पहले घर में खूब तोड़फोड़ की और फिर सारा सामान फेंक दिया। घर में मौजूद कौंसिल के नेता के दिव्यांग भाई शाहनवाज और अंधे भाई शमसुद्दीन की जमकर पिटाई की। पुलिस ने औरतों के साथ भी बदसलूकी की। घर वालों का आरोप है कि घर में रखी कुरान के साथ भी पुलिस ने बेअदबी की और नीचे फेंक दिया। इस घटना के बाद मुसलमानों में काफी रोष हैं, और वह पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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क्या है पूरा मामला
22 सितंबर को सरपतहां थाना के गुलामी पूरा गांव में पुलिस ने उलेमा कौंसिल के प्रदेश उपाध्यक्ष शहाबुद्दीन के भट्टे पर छापा मारा। पुलिस का कहना है कि छापे में गोकशी के लिए ले जा रहे 40 बैल बरामद किए गए। इसके बाद उलेमा कौंसिल के नेता के खिलाफ केस दर्ज किया गया। कौंसिल के नेता वहां मौजूद नहीं थे।

इलाके में तनाव
इस घटना के बाद इलाके में तनाव हो गया। लोगों ने तोड़फोड़ शुरु कर दी। मुस्लिमों, सोनार और कई दूसरे वर्ग को लोगों की दुकानों में लूटपाट की भी खबर है। इसके बाद डीएम एसपी ने क्षेत्र का दौरा किया और मामले को कंट्रोल किया। आरोप है कि उलेमा कौंसिल के नेता के समर्थकों की पिटाई भी की गई।

उलेमा कौंसिल के नेता का बयान
पुलिस की कार्रवाई पर उलेमा कौंसिल के प्रदेश उपाध्यक्ष शहाबुद्दीन ने पीएनएस से बात करते हुए कहा कि 5 महीने पहले तक उनके पास जानवरों को ढ़ोने का लाइसेंस था। अब वो कैंसिल हो गया है। इस लिए वह शाहगंज में रहकर काम कर रहे हैं। पुलिस जहां छापा मारकर बरामदगी दिखा रही है वो भट्टा बंद हो गया है। इसके साथ ही वहां जो गाड़िया खड़ी है या तो पंचर हैं या फिर खराब हैं। उन्होंने सवाल किया कि फिर कैसे जानवरों को ले जाया जा सकता है। उन्होंने शाहगंज के स्थानीय मंत्री पर आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनके दबाव में काम किया है। यहीं नहीं शहाबुद्दीन ने पीएनएस से कहा कि बाज़ार में सांप्रदायिक तनाव और तोड़फोड़ व लूटपाट करने वालों में महमूदपुर, भिटौली, भटपूरा के प्रधान और पूर्व प्रधान शामिल थे जो कि स्थानीय मंत्री के काफी करीबी हैं। उलेमा कौंसिल के नेता शहाबुद्दीन ने आरोप लगाया कि ये लोग दंगा कराना चाहते थे।

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उलेमा कौंसिल के नेताओं का दौरा
सोमवार की शाम उलेमा कौंसिल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मौलाना शहाब अख्तर और दूसरे नेताओं ने गांव का दौरा किया और जानकारी हासिल की। इस दौरान शहाबुद्दीन के पीड़ित भाई दिव्यांग शाहनवाज और अंधे भाई शमसुद्दीन रोने लगे। उन्होंने बताया कि पुलिस ने उनकी जमकर पिटाई की। मौलाना शहाब अख्तर ने कहा कि पुलिस को सत्ता का नशा चढ़ गया है और वह सपा की एजेंट बनकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि यहां के मंत्री के इशारे पर पुलिस काम कर रही है। मौलाना शहाब ने कहा कि इस मामले पर अगर दोषी पुलिस वालों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो उलेमा कौंसिल चुप नहीं बैठेगी। उनके साथ उलमा कौंसिल की यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष नूरुलहुदा, प्रदेश सचिव मतियुद्दीन मौजूद रहे।