लखनऊ, यूपी
ऐसे समय में जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस के संक्रमण की सामना कर रही है। कोरोना वायरस से संक्रमित हजारों लोग रोज मर रहे हैं। भारत भी अब इससे अछूता नहीं रहा है। देश में अबतक 3 हजार से अधिक लोगों के कोरोना से संक्रमित होने की खबर है। करीब 110 लोगों की मौत हो चुकी है। संकट के इस समय में भी भारत में फ़र्ज़ी ख़बरों का प्रसारण रुकने का नाम नहीं ले रही है।
एक समुदाय को निशाना बनाने की कोशिश
हम यहां बात कर रहे हैं, देश में एक समुदाय विशेष के खिलाफ़ फ़र्ज़ी नकारात्मक ख़बरें चलाकर लोगों के मन में ज़हर घोलने व हिन्दू-मुस्लिम दंगा भड़काने की साज़िश करने वाली न्यूज़ एजेंसी ‘ज़ी न्यूज़’ की। जी हाँ, सोशल मीडिया पर अकसर आरोप लगते रहते हैं कि ज़ी न्यूज़ फ़र्ज़ी ख़बरों का प्रसारण करता है और देश के सांप्रदायिक सौहार्द को नष्ट कर दंगे कराने का प्रयास करता है।
हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है, जब उत्तर प्रदेश की फिरोजाबाद जनपद की पुलिस ने Zee Uttar Pradesh Uttarakhand को जम कर लताड़ लगाते हुए फर्जी खबर को सख्ती के साथ डिलीट करवाया, लेकिन तब तक ट्विटर यूज़र्स ने स्क्रीन शॉट ले लिए थे, जो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं।
सच सामने आया
फेसबुक पर Ashfaq Ahmad ने फिरोजाबाद पुलिस के ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर किया और बताया कि कैसे बड़े मीडिया घराने फेक न्यूड़ को बगैर पड़ताल किए प्रसारित कर रहे हैं।
https://www.facebook.com/ashfaqahmadnews/posts/3343610958989059
पीएनएस टीम की पड़ताल
जब पीएनएस टीम ने ज़ी न्यूज़ द्वारा प्रसारित की गयी ख़बर की पड़ताल की तो ज़ी न्यूज़ की फेक न्यूज़ का सच पता चला। पीएनएस टीम ने वहां के क्षेत्रीय पत्रकारों से फ़ोन पर बात करके उक्त ख़बर की सत्यता की जांच की। दरअसल कुछ अफवाहबाज़ों ने ये खबर सोशल मीडिया पर पोस्ट की। उसके बाद चैनल ने इसे सच मानकर खबर चला दी।