लखनऊ, यूपी
राजधानी में मौजूद इंटीग्रल यूनिवर्सिटी का 7वां सालाना दीक्षांत समारोह आज यूनिवर्सिटी कैम्पस में हुआ। कैम्पस में हर तरफ जश्न का माहौल था। छात्र-छात्राएं आज खूब मस्ती में दिखे। मेडल पाने वाले छात्र-छात्राओं के चेहरे पर चमक दिखी। दरअसल उन्हें अपनी मेहनत का आज इनाम मिला। ऐसे ही कुछ टॉपर्स से पीएनएस न्यूज़ एजेंसी ने बात की।
1- मोहम्मद नशरुल्लाह, यूनिवर्सिटी टॉपर
सीधे-साधे मोहम्मद नशरुल्लाह को देखकर नहीं लगता कि वह युनिवर्सिटी के टॉपर हैं। नशरुल्लाह ने Diploma EE में टॉप किया है। नशरुल्लाह बिहार के ईस्ट चंपारण ज़िले के रहने वाले हैं। पीएनएस से बात करते हुए बताते हैं कि उनके वालिद घर पर किसानी करते हैं। मां घर का काम करती हैं। आज के दौर में बड़ी मुश्किल से वालिद ने यहां तक पहुंचाया। नशरुल्लाह कहते हैं कि जब वह पढ़ाई करते हैं तो सिर्फ अपने वालिद का चेहरा याद रखते हैं।
मोहम्मद नशरुल्लाह का सपना है कि वह आईआईटी में प्रोफेसर बने। इसके साथ ही वह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई भी लड़ना चाहते हैं। पीएनएस के सवाल पर कि वह ऐसा क्यों करना चाहते हैं, नशरुल्लाह कहते है कि भ्रष्टाचार कि वजह से ही इस मुल्क के गरीब पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। कम से कम जो पढ़ना चाहते हैं उन्हें तो सरकार को मौका देना चाहिए।
2- इक़रा मरियम, गोल्ड मेडल
इक़रा मरियम को MSc Bio Tech गोल्ड मेडल मिला हैं। पढ़ाई करना उनका शौक है। पीएनएस से बात करते हुए कहती हैं कि उनकी मां नहीं है, वालिद विजुअली हैंडीकैप्ड हैं। वालिद हालांकि लखनऊ के जुबली कालेज में पढ़ाते हैं। इक़रा कहती है कि इस मुश्किल हालात ने उन्हें और मज़बूत कर दिया। आगे क्या करना है, पीएनएस के इस सवाल के जवाब में वह कहती है कि एक एनजीओ बनाना है जो गरीब मुस्लिम बच्चों को एजूकेशन देगा। कैसे होगा इस सवाल पर वह कहती है कि जब इस मुश्किल हालात में पढ़ाई कर ली तो वह भी हो जाएगा। दरअसल इक़रा मरियम का इरादा बहुत मज़ूबत है। पीएनएस टीम उनकी कामयाबी की दुआ करती है।
3- भाई-बहन को मिला मेडल
अब्दुल मुत्तालिब खान और गुलफ्शा खान भाई-बहन हैं, दोनों को मेडल मिला है। अब्दुल मुत्तालिब को M Tech में गोल्ड मेडल मिला है। गुलफ्शा खान को B Arc में सिल्वर मेडल मिला है। अब्दुल मुत्तालिब का कहना है कि पढ़ाई के लिए उन दोनों ने कड़ी मेहनत की। गुलफ्शा खान इस बात से खुश है कि इस खास मौके पर वालिद आएं हुए हैं। वालिद की आंखों में खुशी में आंसू हैं। कहते हैं कि अब और क्या चाहिए।