आपने ताली बजाई थी, फिर भी 50 से ज्यादा चिकित्साकर्मी कोरोना से संक्रमित हो गए। क्योंकि वे खुद कह रहे हैं कि ताली से काम नहीं चलेगा। हमें सुरक्षित उपकरण दीजिए। सुरक्षित माहौल दीजिए। उस मांग पर से ध्यान हटाना है, इसलिए नारा दिया गया है कि हौंसला बढ़ाना है।
इन 50 संक्रमित होने वालों में डॉक्टर, नर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ हैं। डॉक्टर्स कबसे रट रहे हैं कि हमें सुरक्षित उपकरण दो। इंडियन मेडिकल काउंसिल कह चुका है कि ताली बजाने से काम नहीं चलेगा। सुरक्षित उपकरण और जरूरी सामान मुहैया कराओ।
मीडिया में तमाम रिपोर्ट आई हैं कि न सुरक्षित मास्क हैं, न प्रोटेक्टिव गियर हैं, न सैनिटाइजर हैं। हिंदूराव अस्पताल के कई डॉक्टरों ने इसी सवाल पर इस्तीफा दे दिया। अलग अलग डॉक्टरों ने सोशल मीडिया पर गुहार लगाई।
इन सबके सवाल का एक मास्टरस्ट्रोक जवाब है, ‘बत्ती बुझाओ, मोमबत्ती जलाओ’।
अब तक जो 71 लोग मरे हैं उनके लिए दो शब्द बोलने वाला कोई है? जो पैदल चलकर 37 मजदूर मरे हैं, उनके लिए दो शब्द बोलने वाला कोई है? जो 2600 लोग संक्रमित हैं, उनके लिए बोलने वाला कोई है? देश भर की जनता को इससे बचा लिया जाए, इसका क्या ब्लू प्रिंट है? इन सब मसलों के बारे में मत पूछो। जाओ दिया बत्ती जलाओ।