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17 Oct 2024, Thu

पीएम केयर फंड में कितना पैसा?, नहीं बताना चाहती मोदी सरकार!

FORBES CLAIMS INDIAS WORST ECONOMY IN 42 YEARS IN MODIS TENURE 1 190220

नागपुर, महाराष्ट्र

देश में कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान बनाए गए पीएम केयर ट्रस्ट को लेकर पहले दिन से ही विवाद खड़ा हो गया है। इस फंड में कितने पैसे मिले हैं, केंद्र की मोदी सरकार इस बात की जानकारी सार्वजनिक नहीं करना चाहती है। इस मांग से जुड़ी एक याचिका का केंद्र सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट में विरोध किया है और अदालत से इस याचिका को रद्द करने की मांग की है। पीएम केयर एक पब्लिक ट्रस्ट है और केंद्र ने लोगों से मदद पाने की गरज से इस फंड का गठन किया है।

इस मामले में बुधवार को एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच को कहा कि वकील अरविंद वाघमारे द्वारा दाखिल की गई याचिका को खारिज किया जाए। अनिल सिंह ने जस्टिस एसबी शुकरे और जस्टिस एएस किलोर की खंडपीठ को बताया कि अप्रैल में पीएम केयर ट्रस्ट के गठन को चुनौती देने वाली ऐसी ही एक याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

अनिल सिंह की दलील सुनने के बाद अदालत ने कहा कि इस याचिका की मांग कुछ अलग तरह की है। अदालत ने केंद्र सरकार को एक हलफनामा देकर यह बताने को कहा कि इस मुद्दे पर उसका क्या रुख है। अदालत ने इसके लिए केंद्र को दो हफ्ते का समय दिया है।

याचिकाकर्ता अरविंद वाघमारे ने अपनी याचिका में मांग की है कि सरकार आधिकारिक वेबसाइट पर इस बात की जानकारी दे कि उसे इस फंड में अब तक कितनी राशि दान में मिली है और उसने कितना खर्च किया है। इसके साथ ही याचिका में कहा गया है कि पीएम केयर ट्रस्ट के चेयरपर्सन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, जबकि रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री इसके सदस्य हैं। नियमों के मुताबिक इस ट्रस्ट के चेयरपर्सन को तीन और ट्रस्टियों की नियुक्ति करनी होती है अथवा उन्हें मनोनीत करना पड़ता है। याचिका में दावा किया गया है कि 28 मार्च को इस ट्रस्ट के गठन के बाद अबतक किसी भी व्यक्ति की नियुक्ति नहीं की गई है।

याचिकाकर्ता अरविंद ने मांग की है कि अदालत सरकार और ट्रस्ट को निर्देश दे कि विपक्षी दलों से कम से कम दो सदस्यों की नियुक्ति इसमें की जाए, ताकि इस ट्रस्ट में पारदर्शिता बरकरार रहे।