नई दिल्ली
कहते है कि जब मन में दृढ़ इच्छाशक्ति और उसे पूरे करने की लगन हो तो हर मुश्किल आसान हो जाती है और हर रास्ते मंज़िल की तरफ ले जाते हैं। ऐसा ही करिश्मा करके साबित किया है मध्य प्रदेश के इंदौर के रहने वाले प्रदीप सिंह ने। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा शुक्रवार की शाम घोषित रिजल्ट में प्रदीप को पूरे भारत में 93 रैंक मिली है।
गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले प्रदीप की उम्र अभी सिर्फ 22 साल है। कठिन परिस्थितियों में पढ़ने वाले प्रदीप के पिता पेट्रोल पंप पर काम करते हैं। परिवार का गुज़ारा मुश्किल से हो पाता है। प्रदीप की यूपीएससी की तैयारी के लिए पिता मनोज सिंह और घर के बाकी के सदस्यों ने अनेक त्याग किए। प्रदीप यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली आना चाहता था, लेकिन घर में इतने पैसे नहीं थे कि दिल्ली के महंगे कोचिंग की फीस दी जा सके। इसके बावजूद पिता ने हार नहीं मानी और बेटा कोचिंग में पढ़ाई कर सके इसके लिए अपना घर बेच दिया।
मीडिया से खास बातचीत में प्रदीप सिंह ने बताया कि उनका जीवन काफी संघर्ष भरा है। उन्होंने कहा कि मेरी कोशिश है कि अपनी इस छोटी सी सफलता से माता-पिता के संघर्ष को कम कर सकूं। उन्होंने बताया कि वह साल 2017 से दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे।
प्रदीप जब यूपीएससी की परीक्षा दे रहे थे उस वक्त उनकी मां की तबीयत खराब थी, लेकिन प्रदीप पर इस चीज का कोई असर नहीं हो इसके लिए पिता ने बेटे को मां की तबीयत के बारे में नहीं बताया।
प्रदीप सिंह ने इंदौर के आईआईपीएस से बीकॉम की पढ़ाई की है। प्रदीप की इच्छा है कि वह आगे चलकर शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करें। इस बार के रिजल्ट में कुल 759 कैंडिडेट को यूपीएससी ने आईएएस, आईपीएस, आईआरएस और अन्य ग्रुप ए और बी की सेवा के लिए चयनित किया है।