फेसबुक जैसी सोशल मीडिया साइट पर आए दिन हम कई तरह की जानकारी पोस्ट करते हैं। कई लोगों ने मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी की भी जानकारी दी है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इंटरनेट पर मौजूद आपकी ऐसी ही कई निजी जानकारी सिर्फ 140 रुपये में बिक रही है। लोगों की एक दिन की निजी जानकारी 140 रुपये और तीन महीने की जानकारी 4,900 रुपये में बेची जा रही है। आपकी जानकारियों को खरीदने के लिए डार्क वेब में बिटक्वाइन, लाइटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट किया जा रहा है।
दरअसल इंटरनेट का एक कोना है डार्क वेब, इसमें वह सारे गैरकानूनी काम किए जाते हैं जिन्हें करने की मनाही है। डार्क वेब में आम आदमी आसानी से जा भी नहीं सकता। डार्क वेब में टोर ब्राउजर जैसे सॉफ्टवेयर के जरिए लोग जाते हैं। इसी डार्क वेब की मंडी में हैकर्स अपने काम को अंजाम देते हैं और लोगों को कानों-कान खबर नहीं होती। डार्क वेब इंटरनेट का एक ऐसा हिस्सा है जहां आम आदमी की पहुंच नहीं है। अब सवाल यह है कि 140 रुपये में जो आपकी निजी जानकारी बेची जा रही है उसकी उपयोगिता क्या है, आइए जानते हैं।
कहां होता है आपके फोन और ई-मेल का इस्तेमाल:
जब आपके फोन पर किसी प्रकार की कंपनी का फोन आता है और या फिर आपकी ई-मेल आईडी पर किसी कंपनी का प्रचार वाला ई-मेल आता है तो आप इसके बारे में सोचते नहीं है कि उस कंपनी के पास आपका फोन नंबर और ई-मेल आईडी कैसे पहुंचा, लेकिन सच्चाई यह है कि जो 140 रुपये में बेची जा रही है आपकी निजी जानकारियों का इस्तेमाल इसी काम में होता है। डार्क वेब से या फिर हैकर्स से आपकी निजी जानकारी मार्केटिंग वाली कंपनियां खरीदती हैं और उसका इस्तेमाल विज्ञापन के लिए करती हैं।
हैकिंग के लिए भी होता है इस्तेमाल:
मार्केटिंग के अलावा आपकी निजी जानकरियों का इस्तेमाल हैकर्स हैकिंग के लिए भी करते हैं। आपके फोन नंबर, प्रोफाइल फोटो, ई-मेल आईडी के जरिए आपको वे लगातार ट्रैक करते हैं और आपके स्वभाव के बारे में जानकारी जुटाते हैं। आपके डाटा का इस्तेमाल बिटक्वाइन और क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग में भी होता है। अगली स्लाइड में जानें बचने का तरीका
एक ही पासवर्ड रखने से बचें:
यदि आप भी अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट और जीमेल अकाउंट का पासवर्ड एक ही रखते हैं तो आज ही अपना पासवर्ज बदल लें। इसका फायदा यह होगा कि किसी कारणवश यदि हैकर्स के पास आपके फेसबुक का पासवर्ड चला भी जाता है तो उससे आपके दूसरे अकाउंट के हैक होने का खतरा नहीं रहेगा।