लखनऊ, यूपी
पीस पार्टी ने सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्रा कमीशन की रिपोर्ट लागू करने, एनआरसी और आर्टिकल 341 में धार्मिक पाबंदी को खत्म करने की मांग को लेकर शुक्रवार को पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन किया। पार्टी की तरफ से सभी ज़िलाध्यक्षों ने ज़िला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन करके राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन दिया।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में बलरामपुर में धरना प्रदर्शन किया गया। इस काफी लोगों ने शिरकत की। प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि इससे पहले राजभवन में महामहिम राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति महोदय को अपनी भावनाओं से अवगत करा चुके हैं। पीस पार्टी सड़क से लेकर राजभवन तक इस लड़ाई को लड़ रही है। उन्होंने कहा कि हमारी इस लड़ाई में हर वर्ग का समर्थन मिल रहा है।
सिद्धार्थनागर में भी हुआ प्रदर्शन
पीस पार्टी द्वारा ज़िला मुख्यालय पर ज़िला जेल के सामने एक दिवसीय धरने दिया गया। इसमें ज़िलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन पत्र दिया। ज्ञापन में मांग की गई कि केंद्र और असम प्रदेश सरकारों ने सरकारी मशीनरी को अनुचित प्रभाव में लेकर 40 लाख भारतीयों का नाम असम एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिकता) रजिस्टर से बाहर करवा दिया गया जबकि भारतीय संविधान के अनुसार जन्म से भारत में रह रहे लोग भारतीय नागरिक हैं पीस पार्टी मांग करती है कि 40 लाख भारतीयों का नाम एनआरसी रजिस्टर में दर्ज कराया जाए।
10 अगस्त सन 1950 को कांग्रेस पार्टी ने भेदभाव करके पहले से अनुसूचित जाति आरक्षण का लाभ पा रहे हैं मुस्लिम दलित जातियों जैसे मोची, धोबियों, नट लाल बेगी, मेहतर आदि को एक अध्यादेश के ज़रिए अनुसूचित जाति आरक्षण से बाहर कर दिया और मात्र हिंदू दलित को ही अनुसूचित जाति आरक्षण का लाभ दिया। 1956 में सिख और 1990 में बौद्ध धर्म के दलितों को भी अनुसूचित जाति आरक्षण दिया गया परंतु मुसलमान दलित और इसाई दलित को आरक्षण नहीं दिया गया। पीस पार्टी ने मांग किया कि 10 अगस्त 1950 का काला कानून वापस लेकर सभी धर्मों के दलित जातियों को अनुसूचित जाति को आरक्षण दिया जाए।
इस मौके पर पार्टी के प्रदेश प्रभारी इं मोहम्मद इरफान, नसीम चौधरी, कलामुद्दीन, मसरूर आलम, रियाजुद्दीन समेत तमाम कार्यकर्ता मौजूदा रहे।
कई ज़िलों में हुआ प्रदर्शन
पीस पार्टी की तरफ से आयोजित धरना प्रदर्शन कई ज़िलों में हुआ। इनमें मऊ, आज़मगढ़, बस्ती, गोरखपुर, लखीमपुर, सीतापुर, बहराइच, लखनऊ, सुल्तानपुर, संतकबीरनगर समेत पश्चिम यूपी के ज़िले शामिल हैं।