अशफाक अहमद
लखनऊ, यूपी
एक उर्दू अखबार में पहले पेज पर विज्ञापन देकर पीस पार्टी ने एमआईएम फर बड़ा निशाना साधा है। पीस पार्टी की तरफ से दिए गए विज्ञापन में एमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी पर कई तरह के सवाल उठाए गए हैं। विज्ञापन में कहा गया है कि ओवैसी और उनकी पार्टी दूसरे राज्यों में चुनाव लड़कर बीजेपी को फायदा पहुंचा रही है।
विज्ञापन में पीस पार्टी के अध्यक्ष की तस्वीर लगी है और हेडलाइन में लिखा है कि एआईएमआईएम- एक विश्लेषण। हिंदी में दिए गए इस विज्ञापन में ये अलग बात है कि हिंदी शब्दों में कई गलतियां हैं। विज्ञापन में लिखा है कि एमआईएम एक वोट काटने वाली पार्टी है। जहां भी चुनाव होता है कि वो चुनाव में उतरती है और बीजेपी को फायदा पहुंचाती है।
विज्ञापन में सवाल किया गया है कि आखिर 70 साल में एमआईएम आंध्र प्रदेश में चुनाव लड़ रही है लेकिन क्या वो वहां बहुमत हासिल कर पाई। ये सवाल किया गया है कि आखिर क्या वजह है कि एमआईएम किसी राजनीतिक दल से समझौता क्यों नहीं करती।
विज्ञापन में कहा गया है कि 2017 के विधान सभा चुनाव में एमआईएम ने वहीं अपने उम्मीदवार उतारे जहां मुस्लिम उम्मीदवार पहले से थे। विज्ञापन में कहा गया है कि खुद डॉ अय्यूब और उनके बेटे के खिलाफ सबसे पहले उम्मीदवार घोषित किए गए ताकि वो चुनाव हार जाएं।
विज्ञापन के अंत में लिखा है कि ओवैसी की बीजेपी से मिली भगत की वजह से पीस पार्टी के अध्यक्ष डा मोहम्मद अय्यूब को बेगुनाह होते हुए भी 100 दिनों तक जेल की सलाखों के पीछे रहना पड़ा।
एमआईएम का जवाब
पीस पार्टी के विज्ञापन पर एमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने पीएनएस से खास बातचीत में कहा कि पीस पार्टी का ये आरोप नया नहीं है। वो चुनाव में ऐसे आरोप लगाने में माहिर हैं। तेलंगाना का ज़िक्र करते हुए शौकत अली ने कहा कि एमआईएम जिस राज्य में मौजूद है वहां बीजेपी का सफाया हो गया है। यूपी विधान सभा के चुनाव पर शौकत अली ने कहा कि हम तो सिर्फ 35 सीटों पर चुनाव लड़े थे। जो लोग आरोप लगा रहे हैं वो 150 सीट पर चुनाव लड़कर किसे फायदा पहुंचा रहे थे। डॉ अय्यूब के जेल जाने के सवाल पर शौकत अली ने कहा कि कानून अपना काम कर रहा है। उनके खिलाफ शिकायत लड़की के बाई ने दर्ज कराई है। जांच पुलिस कर रही है तो फिर इसमें एमआईएम कैसे उन्हें जेल भेज सकती है।