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24 Nov 2024, Sun

जेट एयरवेज और किंगफिशर की बर्बादी के बाद पवनहंस हेलीकॉप्टर कंपनी का नंबर आ गया है। भारी घाटे से जूझ रही इस कंपनी ने कर्मचारियों की सैलरी रोक दी है।

पहले किंगफिशर और हाल ही में जेट एयरवेज जैसी दो दिग्गज कंपनियों ने दम तोड़ दिया। अगला नंबर पवनहंस हेलीकॉप्टर का है। ये सरकारी कंपनी पैसे की तंगी से जूझ रही है। कर्मचारियों की अप्रैल महीने की सैलरी रोक देने की हालत में नहीं है। 25 अप्रैल को कंपनी ने कर्मचारियों को सर्कुलर जारी कर दिया कि इस महीने का वेतन नहीं दे पाएंगे। 2018.19 में 89 करोड़ रुपए का घाटा हुआ। तकरीबन 230 करोड़ रुपए का कर्ज है।

PAWAN HANS HITS BY FINANCIAL CRISIS COMPANY HOLDS SALARIES FOR APRIL 2 290419

पवनहंस की गिरती हालत की मुख्य वजह रोहिणी हेलीपोर्ट माना जा रहा है। दिल्ली में ये हेलीपोर्ट 125 करोड़ रुपए की लागत से बना है। कुछ दिन चलाए फिर सन्नाटा रहने लगा। अब ये बंद है, इससे कोई कमाई नहीं हो रही। कमाई हो या नहीं। खर्च बराबर हो रहा है। इसी साल सरकार ने इसे निजी हाथों में बेचने के लिए बोलियां मंगवाई लेकिन सही बोली न लगने के कारण सौदा नहीं हो सका।

कर्मचारियों का कहना है कि इसमें हमारी क्या गलती, कंपनी की नीतियां ठीक नहीं थीं। उनकी वजह से कर्मचारियों के पैसे रोकना सही नहीं है। स्कूल.कॉलेज की फीस, गाड़ी.घरों की किश्तें देना भारी पड़ने लगा है। पवनहंस एंपलॉइज यूनियन ने मैनेजमेंट को लिखा है कि मैनेजमेंट के लोग कर्मचारियों का वेतन रोककर असली समस्या से ध्यान भटका रहे हैं। उनकी खुद की जेबें अच्छी सैलरी और बोनस से भर रही हैंण् हम इस अमानवीय बर्ताव के लिए काला फीता बांधेंगे। यूनियन ने ये धमकी है कि सीबीआई और सीएजी को भी अनियमितता की जांच के लिए अप्रोच किया जाएगा।

पवनहंस कंगाल तो हो चुकी है फिर भी उसे बचाने की कोशिशें जारी हैं। उसी का सबसे पहला शिकार कर्मचारी हुए हैं। कॉस्ट कटिंग के लिए ओवरटाइम वगैरह का पैसा नहीं दिया जाएगा। कर्मचारियों पर आरोप है कि वो ओवरटाइम बनाने के लिए ड्यूटी टाइम में काम नहीं करते थे। अब सिर्फ टेक्निकल स्टाफ को ओवरटाइम का पैसा दिया जाएगा।

By #AARECH