इस्लामाबाद, पाकिस्तान
पाकिस्तानी संसद के अपर हाउस यानी सीनेट ने हिंदू मैरिज बिल शनिवार को पास कर दिया। प्रेसिडेंट के दस्तखत के बाद ये बाकायदा कानून बन जाएगा। इसके साथ ही देश के हिंदुओं को पहला पर्सनल लॉ मिलेगा। बिल के तहत पाक में रह रहे माइनॉरिटी समुदाय के हिंदुओं की शादियों को रेग्युलेट किया जा सकेगा। यहां हिंदू के इसकी काफी समय से मांग कर रहे थे। बिल के पास होने के बाद हिंदूओं ने जमकर खुशी मनाई और सरकार का शुक्रिया अदा किया।
मालूम हो कि हिंदू मैरिज बिल- 2017 को 17 जनवरी को सीनेट में लाया गया था। इसे हिंदू कम्युनिटीज पर्सनल लॉ नाम दिया गया था। 26 सितंबर, 2015 को संसद के लोअर हाउस यानी नेशनल असेंबली इसे पहले ही पास कर चुकी है। बिल को अब कानून बनने के लिए महज एक औपचारिकता बाकी रह गई है। साइन होने के लिए इसे प्रेसिडेंट के पास भेजा जाएगा। इसके बाद बिल कानून बन जाएगा।
यहां के सबसे बड़े अखबार ‘डॉन’ की खबर के मुताबिक बिल में पाक में रहने वाले हिंदुओं को मान्यता दी गई है। इसमें उनकी शादी, उसके रजिस्ट्रेशन और उम्र की बात कही गई है। बता दें कि हिंदू मैरिज बिल में लड़के और लड़कियों दोनों के लिए शादी की मिनिमम उम्र 18 साल रखी गई है। बिल के मुताबिक, हिंदू लड़कियों को शादी का अब बाकायदा प्रूफ मिल सकेगा।
प्रेसिडेंट के साइन होने के बाद हिंदू मैरिज बिल पाकिस्तान के हिंदुओं के लिए पहला पर्सनल लॉ होगा। ये पंजाब, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में लागू होगा। सिंध प्रांत ने पहले ही अपना हिंदू मैरिज लॉ बना रखा है। बिल को सीनेट में पाकिस्तान के कानून मंत्री ज़ाहिद हमीद ने पेश किया। सीनेट की ह्यूमन राइट्स पर बनी फंक्शनल कमेटी ने 2 जनवरी को ही बिल को बहुमत से पास कर दिया था।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के सांसद रमेश कुमार वंकवानी के मुताबिक नया कानून जबरन धर्म परिवर्तन पर रोक लगाएगा और हिंदुओं की शादियों को नाम मिल जाएगा। रमेश काफी सालों से पाक में हिंदू मैरिज लॉ के बनने को लेकर काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक पाक में हिंदू लड़कियों को खुद को शादीशुदा साबित करने में मुश्किल होती थी। अब इस कानून के बनने के बाद हमारी शादी मुस्लिमों के निकाहनामा की तरह रजिस्टर्ड हो सकेगी।