शामली, यूपी
आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र की मोदी और यूपी की अखिलेश सरकार पर जमकर निशाना साधा। शुक्रवार को यहां पार्टी की तरफ से आयोजित रैली को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि सत्तर साल से सियासी पार्टियां मुसलमानों का वोट हासिल करती आ रही हैं। आंकड़ों में देखें तो मुसलमान लगातार हर क्षेत्र में पीछे ही जा रहा है। मुसलमानों के काम-धंधे बंद करने की साजिश हो रही है। उन्होंने कहा कि सीएम अखिलेश कहते हैं कि प्रदेश का विकास कराया है जबकि जो बेटा बाप का नहीं हो सका वह हमारा क्या होगा। सही बात तो यह है कि प्रदेश का नहीं बल्कि यादव परिवार का विकास हुआ है।
ज़िले के कांधला रोड पर आयोजित पार्टी की चुनावी सभा को संबोधित करते हुए एमएईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यूपी में इस समय एक परिवार की लड़ाई चल रही है। यूपी के विकास का दावा करने वाले सीएम अखिलेश यादव ने एक भी चुनावी वादा पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के लिए समाजवादी पार्टी ने एक दर्जन से ज़्यादा वादा किया था लेकिन अबतक एक भी पूरा नहीं हुआ।
सांसद ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी ने नोटबंदी करके देश का सत्यानाश कर दिया है। देश के हर कोने में एक तरफ लोगों को ज़रूरत के पैसे नहीं मिल रहे हैं तो दूसरी तरफ लाखों युवा बेरोज़गार हो गए हैं। ओवैसी ने कहा कि मोदी ने लोगों को रोजगार देने का वादा किया था लेकिन वह लोगों से रोज़ी-रोटी छीन रही है।
सांसद औवैसी ने कहा कि अपनी कौम के लोगों के हक की लड़ी वो लड़ते रहेंगे। उन्होंने सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्र समिति की सिफारिशों का भी ज़िक्र किया। औवैसी ने कहा कि मैं मुसलमान हूं लेकिन संविधान में दफा 14,15,20 व 350 की बात कर रहा हूं। मुस्लिमों को आबादी के हिसाब से रिजर्वेशन मिलना चाहिए।
इस मौके पर पार्टी के प्रदेस अध्यक्ष शौकत अली ने कहा कि एक तरफ साक्षी, योगी जैसे लोग आग उगल रहे हैं तो दूसरी तरफ हमें रैली करने की परमिशन नहीं दी जा रही है। रैली को पार्टी के नेता हामिद संजरी समेत कई लोगों संबोधित किया।
स्पीच में ओवैसी ने संयम बरता
पलायन के लिए चर्चित हुए कैराना में असदुद्दीन ओवैसी शुक्रवार को खूब गरजे तो लेकिन पलायन पर तो वे बोले ही नहीं और मुजफ्फरनगर दंगे पर भी खुलकर नहीं बोले। खुद को मुसलमान तो बताया पर साथ ही जोड़ा कि वह दूसरे मज़हब के विरोधी नहीं है। शायद चुनाव आचार संहिता को देखते हुए ओवैसी के तेवर नरम थे।