मोहम्मद शारिक़ ख़ान
जौनपुर, यूपी
ज़िले की सदर विधान सभा सीट से पार्टी के विधायक रहे और सीनियर नेता जावेद अंसारी की दूसरी बरसी मनाई गई। इस मौके पर जुठे पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उन्हें पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि दी। पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके त्याग, बलिदान और उनके किए गए कामों को याद किया। कार्यक्रम शहर के रज़िया काम्प्लेक्स में आयोजित किया गया।
इस मौके पर पार्टी नेताओं ने कहा कि मरहूम जावेद अंसारी बहुत ही सुलझे और काबिल इंसान थे। वह सादगी पसंद थे और लोगों की समस्याओं को लेकर हमेशा संघर्ष करते रहे। ज़िले में उन्होंने कई विकास के काम कराए। उन्के छूटे हुए कामों को पूरा करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। वक्ताओं ने कहा कि मरहूम अंसारी समाजवादी आंदोलनों में हमेशा आगे रहे।
श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता समाजसेवी शाह आलम अंसारी ने किया। इसमें ज़िला उपाध्यक्ष हिसामुद्दीन खान, विधान सभा अध्यक्ष गजराज यादव, पूनम मौर्या, आरिफ हबीब, नगर महासचिव डॉ रियाज़ जीलानी, राम आसरे यादव, रमेश बिंद, विपिन सिंह, खुर्शीद अहमद, हनीफ अंसारी, राम अचल यादव, फिरोज़ अहमद अंसारी समेत दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे।
इस मौके पर सबसे बड़ी बात ये रही की ज़िले के तीन मंत्रियों पारसनाथ यादव, शैलेंद्र यादव ललई औऱ जगदीश सोनकर में एक भी मरहूम जावेद अंसारी को श्रद्धांजलि देने नहीं आया। यही नहीं पार्टी ने ज़िले में दो उम्मीदवारों का टिकट फाइनल किया है। दोनों ही श्रद्धांजलि देने नहीं आए। इनमें सबसे हैरानी की बात ये रही कि सदर सीट से उम्मीदवार घोषित किए गए जावेद सिद्दीकी भी नहीं पहुंचे। मौके पर मौजूद कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर काफी नाराज़गी दिखी। कई कार्यकर्ताओं का कहना था कि जब उम्मीदवार बनाये जाने पर जावेद सिद्दीकी के पास इतना वक्त नहीं कि वह अपने पूर्व विधायक और पार्टी के वरिष्ठ नेता को श्रद्धांजलि दे सके तो जीत मिलने पर वह जनता से क्या मिलेंगे।
दूसरी तरफ मरहूम जावेद अंसारी का परिवार पार्टी की तरफ से लगातार हो रही बेरूखी से काफी नाराज़ है। सूत्रों का कहना है कि मरहूम अंसारी की पत्नी ने कुछ दिन पहले ही पार्टी मुखिया मुलायम सिंह से मुलाकात की थी और परिवार को सम्मान देने की मांग की थी। इसके बाद मुलायम सिंह ने उन्हें आश्वासन दिया था लेकिन इस पर अभी तक कोई बात नहीं बनी है।