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18 Oct 2024, Fri

नई दिल्ली:

दिल्ली की तिहाड़ जेल में एक कैदी की पीठ पर ओम दागने की बेहद हैरतंगेज घटना हुई है। बृहस्पतिवार को इस कैदी की न्यायिक हिरासत बढ़ाने के लिए कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश किया गया था। कैदी ने लॉकअप के अंदर मजिस्ट्रेट के सामने अपनी टी-शर्ट उतारकर ओम का निशान दिखाया तो हर कोई दंग रह गया। निशान देखकर लग रहा था कि वह किसी धातु को गर्म करके दागा गया है। कैदी ने कोर्ट के सामने तिहाड़ प्रशासन पर मारपीट, गर्म धातु से ओम दागने और जबरन व्रत रखवाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। अदालत ने तिहाड़ प्रशासन को जांच के निर्देश देकर 24 घंटे में जवाब तलब कर लिया।

कैदी के मुताबिक यह 17 अप्रैल की घटना है। न्यू सीलमपुर का रहने वाला साबिर आर्म्स सप्लाई के केस में न्यायिक हिरासत में है। उसे जेल नंबर-4 के हाई रिस्क वार्ड में रखा गया था। उसे तिहाड़ से परिजनों को निर्धारित अवधि में कॉल करने का अधिकार मिला हुआ है। दो दिन पहले उसने अपने परिवार को फोन पर बताया कि उसके साथ जेल में कुछ अच्छा नहीं हो रहा है।

कल जब उसे न्यायिक हिरासत में कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश किया गया तो उनके वकील जगमोहन और परिवार के सदस्य कोर्ट पहुंच गए। एडवोकेट जगमोहन ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट रिचा परिहार को अपने मुवक्किल की शिकायत के बारे में बताया। मजिस्ट्रेट ने लॉकअप के अंदर ही कैदी की पीठ पर दागे गए ओम के निशान के फोटोग्राफ्स क्लिक करवाए। साथ ही उनके वकील की अर्जी पर तिहाड़ प्रशासन को 24 घंटे में जवाब दाखिल करने का निर्देश जारी किया।

साबिर ने जेल नंबर-4 के सुपरीटेंडेंट पर गंभीर आरोप लगाए हैं। साबिर का कहना है कि उसने जेल द्वारा उपलब्ध करवाए गए इंडक्शन चूल्हा के खराब होने की बार-बार शिकायत की थी, इससे नाराज होकर सुपरीटेंडेंट ने उसे अपने ऑफिस में बुलाकर धमकाया कि, ‘तू बहुत शिकायत करता है और यहां का नेता बनता है, आज तुझे हम सबक सिखाएंगे। ‘

आरोप है कि उसके बाद सुपरीटेंडेंट ने कुछ लोगों के साथ मिलकर साबिर की पिटाई की और उसकी पीठ पर धातु गर्म करके करीब पांच इंच बड़ा ओम का निशान दाग दिया। पीठ पर सिगरेट से भी दागे जाने के निशान हैं। आरोप यह भी है कि साबिर को दो दिन भूखा रखा गया। सुपरीटेंडेंट ने मातहत अधिकारियों को निर्देश दिए कि साबिर को व्रत पर रखा जाए।

जिसके बाद मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में जेल प्रशासन को उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। कहा कि है कि जेल में सीसीटीवी कैमरों और अन्य कैदियों के बयान पर आधारित रिपोर्ट पेश की जाए। 18 अप्रैल को दोपहर 2 बजे तक तिहाड़ प्रशासन की ओर से जवाब दाखिल नहीं हुआ तो कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 22 अप्रैल तय कर दी है।

दूसरी ओर न्यूज नेशन को तिहाड़ जेल के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मामले की वरिष्ठ अधिकारी के सुपरविजन में जांच शुरू कर दी गई है। आरोपी सुपरीटेंडेंट ने वरिष्ठ अधिकारियों को बताया है कि साबिर जेल नंबर-4 से ट्रांसफर करवाने के लिए कई बार कोशिश कर चुका है। इसलिए झूठा आरोप लगा रहा है। लेकिन न्यायिक हिरासत में बंद कैदी की पीठ पर ओम का बड़ा निशान किसने दागा होगा? इस सवाल का तिहाड़ अधिकारियों के पास फिलहाल कोई जवाब नहीं है।

By #AARECH